नई दिल्ली। तमाम चीजों के प्रमोशन के नाम पर बार-बार आने वालीं अनचाही कॉल्स और मैसेजेज पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है। उपभोक्ता मामले के मंत्रालय की ओर से तैयार मसौदे के मुताबिक, अगर किसी ने बिजनेस प्रमोशन या किसी चीज के बिक्री से जुड़ी कॉल रिसीव करने की सहमति न दी हो और फिर भी उसके पास ऐसी कॉल या मैसेज आते हैं, तो इसे अनवॉन्टेड बिजनेस कम्युनिकेशन माना जाएगा और कॉल करने वाली कंपनी या व्यक्ति इसके लिए जिम्मेदारी माना जाएगा।
मंत्रालय की प्रस्तावित नई गाइडलाइन का उद्देश्य अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स की ओर से या 10 डिजिट वाले प्राइवेट नंबरों से आने वाली अनचाही कॉल्स पर रोक लगाना है। सरकार के प्रस्तावित ड्राफ्ट में कहा गया है कि वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े किसी भी प्रमोशन कॉल या सर्विस मैसेज को बिजनेस कम्युनिकेशन माना जाएगा। पर्सनल कम्युनिकेशन को इस दायरे से बाहर रखा गया है।
ये गाइडलाइन टेलीकॉम कंपनियां और टेलीकॉम रेगुलेटर ने तैयार किए हैं, जिसका उद्देश्य अनचाहे प्रमोशनल कॉल पर अंकुश लगाता है। हालांकि इसमें पर्सनल कम्युनिकेशन शामिल नहीं है। इस मसौदे की गाइडलाइन पर मंत्रालय ने 21 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।
ये गाइडलाइन हर उस व्यक्ति या इकाई पर लागू होगी, जो या तो ऐसी कॉल करते है या इसके लिए दूसरों का सहारा लेते हैं या ऐसी कॉल से फायदा उठाते हैं। सरकार के ड्राफ्ट में ऐसी कॉल्स या मैसेज को भी अनचाहे की श्रेणी में रखा गया है, जिनमें अनरजिस्टर्ड नंबरों या एसएमएस हेडर्स का उपयोग किया जाए या व्यक्ति की सहमति न देने पर भी ऐसी कॉल की जाए या डिजिटल सहमति लिए बिना ऐसा कम्युनिकेशन किया जाए।
मंत्रालय ने इसके कुछ उदाहरण के जरिए भी आम लोगों को समझाने का प्रयास किया है। उदाहरण के लिए अगर कोई प्रॉपर्टी डीलर अपनी सर्विसेज बेचने के लिए अपने नंबर या ऐसे किसी फोन नंबर से कॉल करता है, जो अथॉरिटी की ओर से ऐसे कार्यों के लिए तय सीरीज से न हो, तो प्रॉपर्टी डीलर को इन गाइडलाइन का दोषी माना जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि ट्राई के 2018 के नियम रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स के लिए प्रभावी रहे हैं, लेकिन निजी 10 अंकों के नंबरों का उपयोग करने वाले अनरजिस्टर्ड मार्केट से संचार बेरोकटोक जारी है। मंत्रालय का यह भी कहना है कि वे यूजर्स के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही वे तेजी से फैल रहे कंज्यूमर स्पेस में यूजर्स नियमों को सख्ती से लागू करना चाहती है। इस मसौदे के दिशा-निर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को एग्रेसिव और अनऑथराइज्ड मार्केटिंग से बचाना है।
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