बंगलूरू। कर्नाटक(Karnataka) में भाजपा (BJP) के वरिष्ठ मंत्री के एस ईश्वरप्पा (Minister KS Eshwarappa) ने राज्यपाल (Governor) और केंद्रीय नेतृत्व (Central Leadership) को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (Chief Minister BS Yeddyurappa) के कामकाज की आलोचना की है। ईश्वरप्पा राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री(Minister of Rural Development and Panchayat Raj) हैं। येदियुरप्पा ने बिना परामर्श के ईश्वरप्पा के मंत्रालय में हस्तक्षेप किया, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई है।
ईश्वरप्पा का कहना है कि कुछ विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों के लिए करो़ड़ों की राशि जारी करते हुए उन्हें दरकिनार किया गया है। ईश्वरप्पा ने 31 मार्च को राज्यपाल वजुभाई वाला को पत्र लिखा और कहा कि मुख्यमंत्री ने कई विभाग और मंत्रालय के कामकाजों में प्रत्यक्ष तौर पर हस्तक्षेप किया है, इसके कई उदाहरण हैं और ये कर्नाटक अधिनियम,1977 का उल्लंघन है। उदाहरण के तौर पर बंगलूरू शहरी जिला पंचायत के लिए 65 करोड़ रुपये का आवंटन, जिसकी अध्यक्षता येदियुरप्पा के एक रिश्तेदार जी मारीस्वामी करते हैं। ईश्वरप्पा ने लिखा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री ने विभाग के प्रभारी मंत्री को दरकिनार कर ऐसे आदेश पारित किए हैं। अगर यही ट्रेंड भविष्य में जारी रहेगा कि मंत्री को दरकिनार किया जा रहा है और अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है, तो मुझे नहीं पता कि मैं अपने विभाग के प्रभारी मंत्री के तौर पर कहां खड़ा हूं। उन्होंने दावा किया है कि इस मुद्दे को उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और दूसरे वरिष्ठ नेताओं के सामने भी रखा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस पर नाराजगी जताई है क्योंकि मंत्री ने यह पत्र राज्यपाल को लिखकर इस मुद्दे को सार्वजनिक कर दिया है। दिल्ली के वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी का उच्च नेतृत्व इसे अनुशासनहीनता के गंभीर परिणाम के तौर पर देख रहा है। उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा ने चाहे ये किसी भी उद्देश्य से किया हो लेकिन ये उनके ही खिलाफ जाने वाला है। इससे उनका भला नहीं होगा। सूत्रों का कहना है कि इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं पर भी असर पड़ेगा। इधर येदियुरप्पा ने मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की। राज्य के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई जो कि येदियुरप्पा के करीबी हैं, उन्होंने बैठक के बाद कहा कि मैंने ईश्वरप्पा से अनुरोध किया कि वो सीएम से मिले और इस मुद्दे पर चर्चा कर इसे सुलझाएं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एक अनुशासित पार्टी है और इस तरह के वरिष्ठ नेतृत्व तक इस मुद्दे को पहुंचाना ठीक नहीं है।