इंदौर। शहर के बिगड़े यातायात के साथ ही वायु प्रदूषण को दूर करने के उपायों पर लगातार चर्चा की जा रही है। इसी कड़ी में इंदौर निगम के सभी 85 वार्डों में भी वायु प्रदूषण नियंत्रण पर काम शुरू किया जा रहा है। मॉडल वार्ड भी विकसित किया जाएगा, जहां पर वायु प्रदूषण रोकने के तमाम उपाय प्राथमिकता से होंगे और यातायात सहित अन्य व्यवस्थाएं भी सुधरेंगी। शहर की निजी संस्थाएं, हॉस्पिटल, एनजीओ से लेकर नागरिकों का भी सहयोग इस कार्य में लिया जाएगा।
शहर की वायु गुणवत्ता सुधार एवं एयर क्वालिटी इण्डेक्स के साथ ही शहर के यातायात को लेकर सिटी बस ऑफिस पर महापौर पुष्यमित्र की अध्यक्षता में क्लीन एयर कैटेलिस्ट टीम के माध्यम से कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें अपर आयुक्त ऋ़षभ गुप्ता अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, प्रदुषण कन्ट्रोल बोर्ड श्री द्विवेदी, यातायात पुलिस के संतोष उपाध्याय, आरटीओ के अधिकारी, क्लीन एयर कैटेलिस्ट डॉ. अजय नागपुरे डॉ कौशिक हजारिक, मेघा नामदेव, डॉ. शैलेन्द्र यादव, डॉ निवेदिता बारमैन, सौरभ पोरवाल, डा.ॅ संजर अली एवं रितेश पाटीदार, शहर की विभिन्न संस्थाऐं जिनमें एसआईएसआईटीएस कॉलेज, एक्रोपोलिस कॉलेज, बॉम्बे हॉस्पिटल, नर्सिंग कॉलेज, सामाजिक संस्थाऐं पहल, दीनबंधु, आईजी, युएसएआईडी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यशाला के दौरान क्लीन एयर कैटेलिस्ट द्वारा शहर के विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रेजेटेशन के द्वारा विभिन्न संस्थाओ एवं संस्थानों के समक्ष प्रस्तुत की गई तथा संस्थाओ के प्रतिनिधियों से चर्चा व सुझाव भी प्राप्त किये गये। कार्यशाला में महापौर द्वारा रिपोर्ट के संबंध में निर्देश दिये गये कि उद्योगो के रहते हुए, उद्योगो से होने वाले प्रदुषण का क्यां सॉल्युशन किया जा सकता है, यह भी रिपोर्ट में शामिल करे, ताकि उद्योग भी चलते रहे और प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सके। रिपोर्ट वार्डवाइस तथा डिटेल में बनाए, वार्ड में क्यां समस्या है, उनका क्यां निराकरण किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार चौराहो पर वायु प्रदुषण को रोकने व समाप्त करने के संबंध में क्या-क्या कार्रवाइयां की जाना है, यह भी रिपोर्ट में उल्लेख करे। प्रदुषण विभाग के जो नॉम्र्स और नियम है, उनका भी अध्ययन कर समावेश करे।
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