इन्दौर। कांग्रेस में अब महिलाओं को भी बराबरी का सम्मान देने की कवायद की जा रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं की संगठन में सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रदेश अध्यक्षों से कहा था। इसके बाद अब वार्ड स्तर पर बनाई जाने वाली कमेटी में आधी महिलाओं को शामिल करना होगा। दरअसल इंदौर में महिला कांग्रेस अभी तक सक्रिय नहीं हुई है। कुछ महिला नेत्रियों ने जरूर अपने कार्यकाल के दौरान महिला कांग्रेस में जान फूंकने की कोशिश की, लेकिन बार-बार इस पद पर कांग्रेस नेत्रियों को बदलने के कारण भी ये सक्रिय नहीं हो पाई। पहले विनय बाकलीवाल के कार्यकाल में जया तिवारी को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन उस समय प्रदेश अध्यक्ष पद पर अर्चना जायसवाल की नियुक्ति हो गई थी और उन्होंने शहर में दो महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद बना दिए थे, जिसमें से एक पर जया तिवारी और दूसरे पर साधना भंडारी को मनोनीत कर दिया था।
हालांकि बाद में कमलनाथ ने सभी कार्यकारिणी भंग कर दी और दोनों नेत्रियों का अध्यक्ष पद जाता रहा। बाद में पूर्व पार्षद स्व. अनिल शुक्ला की पुत्री साक्षी शुक्ला को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर जीतू पटवारी के आने के बाद साक्षी की रवानगी कर दी गई और अब उनके स्थान पर पार्षद सोनिला मिमरोट अध्यक्ष हैं, लेकिन वे भी अभी ज्यादा कुछ कर नहीं पा रही है। अब संगठन ने निर्देश दिए हैं कि वार्ड स्तर पर जो कमेटी बनाया जाना है, उसमें से आधी महिलाएं रखी जाएं, ताकि महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके। वार्ड में 51 लोगों की कमेटी बनना है और प्रत्येक वार्ड में 25 महिलाएं इस कमेटी के लिए चुनी जाना है, लेकिन जिस तरह से महिला कांग्रेस ठंडी पड़ी हुई है, उससे नहीं लगता कि हर वार्ड में 25 सक्रिय महिला कार्यकर्ता मिल जाएंगी। निश्चित ही इसमें जबर्दस्ती महिलाओं को जोड़ा जाएगा। हालांकि इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह कार्यकारिणी बनना है, जिसे करीब 3 महीनों में तैयार किया जाना है।
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