संत नगर। सरकार द्वारा राजधानी में 24 जुलाई की रात 8 बजे से 4 अगस्त तक 10 दिन का लॉक डाउन लगाने से गरीब लोगों को भोजन की चिंता सता रही है जो रोज कमाते हैं रोज खाते हैं। यहां पर झुग्गियों में रहने वाले बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर हैं जिनके पास बीपीएल राशन कार्ड भी नहीं है। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें शासन द्वारा राशन भी नहीं मिलता है। लॉकडाउन लगने से अब इन मजदूर परिवारों को रोजगार भी नहीं मिलेगा। पूर्व में यहां पर 3 माह तक चले लॉकडाउन के दौरान यहां की समाजसेवी संस्थाओं पर समाजसेवियों ने कार सेवा के जरिए रसोई केंद्र खोलकर जरूरतमंदों को भोजन व राशन पहुंचाया था। जिससे बड़ी संख्या में गरीब जरूरतमंदों को भोजन मिल पाया। यहां पर उस समय भी सरकार तो गरीबों को एक समय भी भोजन उपलब्ध कराने में पूरी तरह असफल रही थी। टोटल लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशान है फुटपाथ तथा खुले मैदानों में रहने वाले अति निर्धन परिवारों को होती है ऐसे में उन्हें कई बार रात में भूखा ही सोना पड़ता है। यहां के समाजसेवी ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि 10 दिन के लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन कम से कम फुटपाथ तथा खुले में रहने वाले असहाय गरीब वृद्ध निर्धन लोगों को दोनों समय भोजन पहुंचाने की व्यवस्था करें।
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