इंदौर। स्वच्छता का मामला तो फिलहाल बदहाल ही है, वहीं स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में भी इंदौर गत वर्ष अव्वल आया था, जिसके चलते मॉनिटरिंग स्टेशनों की संख्या में भी इजाफा किया गया। पूर्व में 4 स्टेशन थे, जो अब बढक़र 8 हो गए हैं। कुछ समय पूर्व इंदौर की वायु गुणवत्ता और प्रदूषण संबंधी शोध के लिए मोती तबेला, बिचौली हब्सी और मूसाखेड़ी में तीन नए मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए। एयरपोर्ट पर पहले ही यह स्टेशन मौजूद थे। अब इनके जरिए वायु प्रदूषण की जानकारी के साथ-साथ अन्य तकनीकी समझ भी विकसित होगी, जिससे शहरी नियोजन, जिसमें मास्टर प्लानिंग, झोनल प्लानिंग से लेकर अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इसके के अलावा नागरिकों को भी कई तरह की बीमारियों से निजात मिलेगी, जो कि अभी वायु प्रदूषण के कारण होती है। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में अव्वल रहे इंदौर ने बीते दिनों चार नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग (एक्यूएम) स्टेशन्स स्थापित करते हुए वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, धरती पर स्वच्छता और जल प्रबंधन में अव्वल इंदौर शहर वायु गुणवत्ता में सुधार में भी नंबर वन हैं। अब नए मॉनिटरिंग स्टेशन्स का डाटा पूरे शहर की सही तस्वीर पेश कर रहा है और यह शहर की एयर क्वालिटी सुरक्षित स्तर तक सुधारने में वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के मदद करेगा। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने इंदौर हाल के वर्षों में स्वच्छ हवा के लिए किए जा रहे ऐसे प्रयासों और उपलब्धियों को जरूरी और उत्साहजनक बताया है। इंदौर शहर के विस्तार और विकास के साथ-साथ सात उन्नत वायु गुणवत्ता निगरानी केद्रों का जुडऩा नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
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