लंबा खर्चा देख प्राइवेट अस्पताल के मरीज भी एमवाय में हो रहे भर्ती
इंदौर। कोरोना (Corona) से बचे लोगों को ब्लैक फंगस (Black fungus) परेशान कर रहा है। कोरोना में जितना खर्चा और समय नहीं लगा उससे कहीं ज्यादा यह फंगस लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है। कई लोग अब तक 10 से 15 लाख रुपए तक खर्च कर चुके हैं, लेकिन हर कोई इतना खर्चा वहन नहीं कर सकता, इसलिए जो लोग प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए थे, वे भी खर्चा बढ़ता देख अब एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
एमवाय में प्रतिदिन कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्होंने कभी सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में पैर नहीं रखा था, लेकिन इलाज का बड़ा खर्चा देख अब वे भी प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) छोडक़र सरकारी अस्पताल पर भरोसा कर रहे हैं। इनमें कई ऐसे मरीज हैं, जो काफी अच्छे पढ़े-लिखे हैं, वे भी जनरल वार्ड में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं।
इंजेक्शन फ्री… केवल जांचों का खर्चा
इंजेक्शन (Injection) पूरी तरह फ्री में लग रहे हैं। कुछ जांचें करवाना पड़ती हैं, जिनका खर्चा मरीज के परिजन उठा लेते हैं। जिनके पास आयुष्मान कार्ड है, उनका पूरा इलाज मुफ्त में हो रहा है।
संभाग तो संभाग अन्य प्रदेश के मरीज भी इंदौर में
एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में तीन मंजिलों के सभी वार्डों में पोस्ट कोविड के पेशेंट भरे हुए हैं। यहां एक भी बेड खाली नजर नहीं आ रहा है। शहर के बाहर के भी कई मरीज प्रतिदिन इंदौर आ रहे हैं, जिसके कारण यहां बेड कम पडऩे लगे हैं। कई मरीजों को वेटिंग के लिए कहा जा रहा है। एमवाय में अच्छे इलाज का सुनकर प्रदेश के साथ अन्य प्रदेशों के मरीज भी यहां पहुंच रहे हैं। कुछ मरीज उदयपुर से यहां इलाज कराने पहुंचे हैं।
हमारे पास लगातार मरीज आ रहे हैं। हमारे यहां लगभग साढ़े तीन सौ मरीज भर्ती हैं। हम हर मरीज का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान भी हमने मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं रखी।
पीएस ठाकुर, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल
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