उज्जैन। बेटा बाहर नौकरी करता है और बुजुर्ग घर पर अकेले रहते हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। ऐसे अकेले रहने वाले बुजुर्गों का अब उज्जैन पुलिस सहारा बनेगी। पुलिस इनकी सुरक्षा के साथ अन्य जरूरतों को भी पूरा करने का हर संभव प्रयास करेगी।
उल्लेखनीय यह हैं कि शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 50 हजार से ज्यादा बुजुर्ग हैं, लेकिन इनमें कितने अकेले रहते हैं, इसका रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं है लेकिन अब पुलिस ऐसे बुजुर्गों की सूची तैयार कर रही है। आईजी संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर हर थाना क्षेत्र में ऐसे बुजुर्गों की सूची बन रही है, जो जल्द ही तैयार हो जाएगी। इसके साथ ही इन बुजुर्गों को पुलिस एक व्हाट्स ग्रुप से जोड़ेगी, ताकि एक कॉल या मैसेज पर पुलिस तत्काल पहुँच सके। इसके अलावा थाने के बीट कांस्टेबलों के पास थाना क्षेत्र के हर बुजुर्ग का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर संग्रहित होगा। वे थाना क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों पर या कहीं भी इन बेसहारा बुजुर्गों की मदद को हर समय तैयार रहेंगे। खास बात यह है कि इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग आईजी संतोष कुमार सिंह कर रहे हैं। अभियान के अंतर्गत वह स्वयं थानों से ब्योरा मंगाएँगे, फिर बुजुर्गों से संपर्क करेंगे। जाहिर है कि यह व्यवस्था लागू करने के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि ऐसे बुजुर्गों को अकेले देखकर कोई व्यक्ति उनके साथ आपराधिक या अप्रिय घटना करने का प्रयास नहीं करें। ऐसे में पुलिस की आमजन से अपील है कि वे एक अच्छे नागरिक की भांति अपने आसपास रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी संबंधित थाना पुलिस तक पहुँचाए, ताकि पुलिस ज्यादा से ज्यादा बुजुर्गों की जानकारी एकत्र कर सके।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved