
इंदौर। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर लाड़ली लक्ष्मियों का उत्सव मनाया जा रहा है, जिसके तहत अब लाड़लियों के नाम पर शहर के पर्यावरण को सुरक्षित किया जाएगा। हर लाडली के नाम पर एक पेड़ रोटेट किया जाएगा। इंदौर जिले में लगभग दो लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी बेटियां है। जिला प्रशासन 2 मई को विशेष उत्सव की तैयारियों में जुट गया है।
एक पेड़ लाड़ली लक्ष्मी के नाम अभियान के तहत जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी सहित जमीनी अमला और अभिभावक मिलकर पौधारोपण करेंगे। बेटियों को सम्मान, शिक्षा, आत्मनिर्भरता दिलाने के लिए यह पहल की जा रही है, जिसके तहत सभी लाड़लियों को योजना के प्रावधान के अनुसार 18 साल तक विशेष राशि उपलब्ध कराई जा रही है। ज्ञात हो कि अब इस योजना के तहत पंजीकृत की गई बालिकाओं की पॉलिसी मेच्यौर होने की कगार पर है, जिसके तहत 6टी व 12वीं क्लास में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को भी इसका लाभ दिलाया जाना है, जिसके लिए अधिकारी सूची तैयार कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित की जा रही इस योजना के आयोजन में स्थानीय प्रतिनिधि लाड़ली बालिकाएं, उनके अभिभावक और लाड़ली क्लब के अध्यक्ष और सदस्य विशेष रूप से भाग लेंगे।
लाड़ली फ्रेंडली पंचायतों का होगा सम्मान
मुख्मयंत्री यादव के अनुसार लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्यप्रदेश सरकार की बेटियों के प्रति समर्पित सोच है। जिसके तहत हर बेटी का सम्मान, शिक्षा, और आत्मनिर्भरता के लिए अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस कार्यक्रम के तहत कन्या पूजन, अपराजिता कार्यक्रम के अंतर्गत मार्शल आर्ट्स का प्रदर्शन किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर बेटियों का सम्मान होगा। कार्यक्रम में उत्कृष्ट उपलब्धि करने वाली बालिकाओं को तथा लाड़ली लक्ष्मी फ्रैंडली पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा. इसके बाद जनप्रतिनिधि बालिकाओं के साथ मिलकर पौधारोपण करेंगे। मध्यप्रदेश में 2007, 1 अप्रैल को बालिकाओं के संरक्षण के लिए लाडली लक्ष्मी योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत बालिग होने के बाद विवाह और शिक्षित होने तक की शर्त रखी गई थी। छठवीं से बारहवीं तक पास होने पर बच्चियों को राशि उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रमाण पत्र वितरित किए गए थे। 2 मई को होने वाले आयोजन में जनप्रतिनिधि नवीन लाडली लक्ष्मियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान करेंगे। अधिकारियों ने इसके लिए विशेष तैयारियां शुरू कर दी है।
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