नई दिल्ली: गोएयर के एक A320 विमान के दूसरे इंजन में तकनीकी खराबी के कारण उसे दिल्ली की ओर डायवर्ट करना पड़ा. फ्लाइट VT-WGA G8-386 ने मुंबई से लेह के लिए उड़ान भरी थी. गोएयर के एक अन्य विमान VT-WG G8-6202, जिसने श्रीनगर से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी, उसे इंजन ओवरलिमिट के कारण वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कराना पड़ा. डीजीसीए ने यह जानकारी दी है.
इससे पहले 5 जुलाई को भी दिल्ली से पटना जा रही गोएयर (Go Air) की फ्लाइट में तकनीकी गड़बड़ी आई थी, जिसके चलते दोपहर 1.50 बजे पर पटना पहुंचने के बावजूद फ्लाइट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाई. कैप्टन ने विमान को पटना एयरपोर्ट पर लैंड करने से इनकार कर दिया, जिससे फ्लाइट को वापस दिल्ली की ओर मोड़ लिया गया था. दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से पटना भेजा गया.
पिछले कुछ महीनों से विमानों में उड़ान के दौरान तकनीकी खामियां एकाएक बढ़ी हैं
पिछले कुछ महीनों से विमानों में उड़ान के दौरान तकनीकी खामियां एकाएक बढ़ी हैं. स्पाइसजेट में तो एक महीने के अंदर कम से कम 8 ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसी के मद्देनजर देश के एविएशन सेफ्टी रेग्युलेटर DGCA ने स्पॉट चेकिंग की तो कई कमियां नजर आईं. डीजीसीए को पता चला कि एयरलाइंस कंपनियों की तरफ से विमानों में खराबियों का पता लगाने में चूक हो रही है और हवाई अड्डों पर क्वालिफाइड इंजीनियरों की तैनाती नहीं की जा रही है.
अब डीजीसीए ने विमान कंपनियों को नए निर्देश जारी करके कहा है कि हर फ्लाइट से पहले तय नियमों का पालन करना होगा. विमान कंपनियों को दिक्कतें दूर करने के लिए 28 जुलाई तक का वक्त दिया गया है. ये निर्देश विमानों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की एयरलाइंस के बड़े अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद सोमवार को जारी किए गए.
डीजीसीए ने कैटिगरी बी लाइसेंस वाले एएमई से विमानों की जांच कराने को कहा है
बैठक में सिंधिया ने निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन करने और यात्रियों की सुरक्षा में किसी तरह की ढिलाई न बरतने पर जोर दिया था. इसके बाद सोमवार को डीजीसीए की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विमानों को उड़ान के लिए तैयार करने से पहले न्यूनतम उपकरण सूची (एमईएल) रिलीज करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. अब डीजीसीए ने कैटिगरी बी लाइसेंस वाले एएमई से विमानों की जांच कराने को कहा है, जो इंजन और विंग जैसे जटिल पुर्जों की खामियों को ढूंढने के लिए ट्रेंड होते हैं.
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