भोपाल। प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जल्द ही पशु पालन विभाग से जोड़ा जाएगी। वे पशु सखी बनकर पशु चिकित्ससकों की मदद करेंगी और पशुओं पालकों तक सरकारी योजनाओं की पशुओं से जुड़ी जानकारी मुहैया कराएंगी। इसको लेकर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा 23 जुलाई को संयुक्त रूप से भोपाल से देश में ‘ए-हेल्पÓ प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है।
कार्यक्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में पंजीकृत स्व-सहायता समूहों की ऐसी महिला सदस्य, जो पशुसखी के रूप में विभिन्न पशुपालन गतिविधियों में सहयोग दे रही हैं, को ‘ए-हेल्प’ के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया सहित केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, अपर सचिव, संयुक्त सचिव, कर्नाटक, बिहार, झारखंड, राज्यों के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिभागी शामिल होंगे। कार्यक्रम प्रशासन अकादमी के स्वर्ण जयंती सभागार में शनिवार को सुबह 10 बजे प्रारंभ होगा। इसमें प्रतीक चिन्ह का भी लोकार्पण किया जाएगा।
ये मिलेंगी सुविधा
‘ए-हेल्प’ समुदाय आधारित महिला कार्यकर्ता हैं, जो पशु चिकित्सकों को स्थानीय विभागीय कार्यों में सहयोग देने के साथ पशुपालकों को उद्यमिता विकास के लिये ऋण लेने, आवेदन भरने, पशुओं के कान की टेगिंग को चिन्हित कर इनाफ पोर्टल पर दर्ज कराने और पशुधन बीमा आदि कार्यों में सहायता करेंगी। विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग और निचले स्तर तक पशुपालकों को जानकारी उपलब्ध कराने में ‘ए-हेल्प’ की सहायता ली जा सकेगी। इससे ‘ए-हेल्पÓ को आय का साधन भी उपलब्ध हो सकेगा।
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