भोपाल। मप्र पुलिस विभाग में की जाने वाली खरीददारी में अब अफसरों की मनमानी नहीं चलेगी। पीएचक्यू ने आईपीएस अफसरों के अधिकार सीमित कर दिए हैं। साथ ही यह तय कर दिया है की कौन क्या खरीदेगा। पुलिस विभाग में खरीदी व्यवस्था में बदलाव के तहत अब डीजीपी मशीन, उपकरण, स्पेयर पार्टस, गोला-बारूद, टीयर गैस उपकरण, बंदूक, व्हीकर, सुरक्षा संबंधी उपकरण आदि खरीदेंगे। वहीं एडीजी के पास सेनिटेरी इंसटालेशन, पुलिस अस्पतालों के लिए दवाई और उपकरण, पुलिस मेस के लिए बर्तन, शैक्षणिक उपकरण, बैटरी का वित्तीय अधिकार होगा।
जानकारी के अनुसार बीते साल दो विभागों के एडीजी और आईजी का विवाद सामने आया था। कंपनी के ठेका दिलाने के बाद सबस्टैंडर्ड सामान की सप्लाई हुई, जिसके बाद भुगतान भी कर दिया गये। इस मामले की शिकायत गोपनीय तरीके से आईजी ने डीजीपी से कर दी, जिसके बाद एडीजी के विभाग में परिवर्तन भी कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि इंटेलिजेंस के लिए खरीदे गए सामान में अनियमिमता का मामला उजागर हुआ था। गृह विभाग से भी शिकायत की गई थी, जिसके बाद कई शाखाओं से एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के अफसरों से अधिकार भी छीन लिए गए है। सभी कमेटियों के अध्यक्ष खुद डीजीपी बन गए है।
गृह विभाग की सिफारिश अधिकार तय
जानकारी के अनुसार गृह विभाग की सिफारिश के बाद पीएचक्यू ने अधिकारों को तय कर दिया है। आदेश के तहत पुलिस विभाग ने आईपीएस अफसरों के अधिकार सीमित कर दिए हैं। अफसरों की मनमर्जी अब सरकारी खरीदी में नहीं चलेगी। खास बात है कि एडीजी स्तर के अधिकारी के पास सिर्फ मेंस के लिए बर्तन और अस्पतालों के लिए दवाई की खरीदी का अधिकार होगा। डीजीपी ही गोला बारूद और घोड़े, डाग खरीद सकेंगे। वहीं विभाग के लिए 5 लाख से ज्यादा प्रोजेक्ट की अनुमति समीति देगी, लेकिन डीजीपी भी रिव्यू करेंगे। इस संबंध में डीजीपी सुधीर सक्सेना से आदेश भी जारी किया है।
खरीदी के लिए समिति बनेगी
आदेश के अनुसार खरीदी के लिए कई कमेटियों का गठन भी किया है। जो विभाग में खरीदी की व्यवस्था पर फैसला करेगी। पीएचक्यू न आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी शाखाओं में खरीदी के लिए समिति बनेगी। अध्यक्ष डीजीपी और एडीजी होंगे। एडीजी मैनेजमेंट एससीआरबी के लिए उपकरणों के लिए खरीदी के लिए निर्णय लेंगे। विदेश से इंपोर्ट होने वाली खरीदी और पेनाल्टी लगाने का अधिकार भी डीजीपी के पास होगा। हालांकि इसकी सिफारिश संबंधित विभाग करेगा। इसके अलावा खरीदी की प्रक्रिया के लिए शाखा विशेषज्ञ भी तय करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद कमेटी फैसला करेगी। संबंधित अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। जिला और यूनिट में केंद्रीय समिति में बिसबल, रेडियो, पीटीएस और रेल को भी रखा गया है। एफएसएल में डायरेक्टर, सीनियर साइंटिस्ट की अनुमति से लैब के लिए खरीदी होगी। स्पेशल सेल, एटीएस, इंटेलिजेंस के लिए मानीटरिंग डीजीपी ही करेंगे।
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