इजरायल की टीम 30 सेकंड में आवाज से कोरोना का पता लगाने की कोशिश में
नई दिल्ली। 30 सेकेंड में कोविड संक्रमण की पहचान संभव होगी। मरीज की आवाज और ब्रीदिंग के जरिए कोविड जांच संभव होगी। यकीन भले न हो, लेकिन इस पर दिल्ली में स्टडी चल रही है। इजरायली वैज्ञानिकों की एक टीम एलएनजेपी अस्पताल में इसका ट्रायल कर रही है और लोगों से इस ट्रायल में शामिल होने की अपील भी कर रही है। दिल्ली में यह ट्रायल एलएनजेपी के अलावा राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी चल रहा है। बताया जा रहा है कि लगभग 10 हजार ऐसे लोगों पर कोविड जांच की इस नई तकनीक पर ट्रायल किया जाएगा। स्टडी सफल रही तो सिर्फ 30 सेकेंड में यह पता चल जाएगा कि संक्रमण है या नहीं।
एलएनजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस ट्रायल में चार प्रकार के तकनीक को शामिल किया गया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण वॉइस टेस्ट और ब्रीदिंग टेस्ट है। इसके अलावा दो अन्य प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए अपनाई जा रही इस नई तकनीक के ट्रायल में 10 हजार लोगों का दो बार टेस्ट किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अगर यह ट्रायल सफल होता है तो न सिर्फ लोगों को महज 30 सेकेंड में कोरोना के परिणाम मिल जाएंगे, बल्कि ये व्यवसायों के लिए सुरक्षित रास्ता बना सकता है। इस तकनीक के सफल परीक्षण के बाद जब तक वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक लोग कोरोना वायरस के साथ जीने में सक्षम हो सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में इसके नतीजे आ सकते हैं।
इजरायली दूतावास और डीआरडीओ के संयुक्त प्रयास से यह स्टडी की जा रही है। बताया जा रहा है कि अगर लंबे समय तक यह बीमारी खत्म नहीं होती है तो तेजी से जांच करने का तरीका होना चाहिए, ताकि मरीज का कम से कम समय में जांच संभव हो और पॉजिटिव मरीज को न केवल आइसोलेट किया जा सके, बल्कि समय पर उन्हें इलाज मिलना भी संभव हो पाएगा। एलएनजेपी के एक डॉक्टर ने बताया कि इस स्टडी में शामिल होने के लिए कई हेल्थकेयर वर्कर के अलावा फायर सर्विस से जुड़े लोग वॉलंटियर बनने के लिए पहुंच रहे हैं।
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