नई दिल्ली । पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM) भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि अब जालंधर की आवाज (Now the Voice of Jalandhar) लोकसभा में (In Lok Sabha) पंजाब की आवाज बनकर (As the Voice of Punjab) गुंजेगी (Will Echo) । पंजाब विधानसभा में हमारे 92 विधायक और दिल्ली विधानसभा में 63 विधायक हैं। इसके अलावा गुजरात विधानसभा में 5 और गोवा विधानसभा में 2 विधायक हैं। साथ ही राज्यसभा में 10 सांसद और लोकसभा में आज से एक सांसद है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं है, जिसमें हमारा हिस्सा न हो।
सीएम ने कहा कि हम धर्म और जाति की राजनीति नहीं करते। हम चुनावों के दौरान पंजाब में बनाए गए 580 मोहल्ला क्लीनिकों को गिना रहे थे। स्कूल ऑफ एमिनेंस, जीरो बिजली के बिल, इंफ्रास्ट्रक्च र के नाम पर वोट मांग रहे थे। हम व्यापारी, किसान, मजदूरों की भलाई की बात कर रहे थे। आम आदमी पार्टी के लिए यह जीत इस मायने में भी काफी महत्वपूर्ण है कि जालंधर को अब तक कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था। बीते 5 चुनावों में यहां लगातार कांग्रेस के सांसद चुने जाते रहे हैं। मौजूदा उपचुनाव को छोड़कर, यहां वर्ष 1999 से लगातार कांग्रेस जीती है।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू विजयी हुए हैं। पार्टी के लिए इस जीत के मायने केवल एक लोकसभा सीट नहीं है। दरअसल आम आदमी पार्टी लोकसभा से बाहर हो चुकी थी। अब इस जीत के सहारे एक बार फिर लोकसभा में उसे अपनी आवाज उठाने का मौका मिला है। बीते करीब 1 वर्ष से लोकसभा में आम आदमी पार्टी का कोई प्रतिनिधि नहीं था। पार्टी के इकलौते लोकसभा सांसद भगवंत मान मार्च 2022 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने जिसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पंजाब की संगरूर लोक सभा सीट से सांसद थे। उनके द्वारा खाली की गई इस सीट पर वर्ष 2022 में ही उपचुनाव हुआ था। इसमें आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। हार के साथ ही पार्टी का लोकसभा में प्रतिनिधित्व शून्य हो गया। तब से अब तक लोकसभा में आम आदमी पार्टी का कोई सांसद नहीं था।
2022 में संगरूर लोकसभा उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान ने जीत हासिल की थी। सिमरनजीत सिंह मान ने इस सीट पर ‘आप’ के उम्मीदवार गुरमेल सिंह को पराजित किया था। स्वयं आम आदमी पार्टी मानती है कि पंजाब लोकसभा उपचुनाव में मिली जीत एक नई शुरूआत है। पार्टी ने लोकसभा में नए सिरे से अपना खाता खोला है। 2014 में पार्टी की लोकसभा में 4 सीटें थीं, लेकिन 2019 में एक सीट रह गई।
जालंधर की लोकसभा सीट में 9 विधानसभाएं आती हैं। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर में भी यहां ‘आप’ को 9 में से केवल 4 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थीं और 5 सीटें कांग्रेस के पास चली गईं थीं। कांग्रेस का यह इतना बड़ा गढ़ था कि विधानसभा चुनाव में जबरदस्त आम आदमी पार्टी की लहर में भी कांग्रेस 5 सीट जीत गई थी। लेकिन आप हुए लोकसभा उपचुनाव में उन 9 में से 7 विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी ने जीतीं हैं।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक केवल जालंधर सेंट्रल और नॉर्थ की सीटों पर आप थोड़ा पीछे रही। पिछले साल विधानसभा के चुनाव में पूरे पंजाब के अंदर 42 फीसदी मत मिले थे, लेकिन जालंधर में सिर्फ 28 फीसदी मिले थे जो आज यह वोट प्रतिशत बढ़कर 34 फीसदी हो गया है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में चार विधानसभा सीट शाहकोट, आदमपुर, फिल्लौर और जालंधर नॉर्थ पर हम तीसरे नंबर पर थे। लेकिन आज इन 4 में से 3 सीटों पर हमें जीत मिली है और एक सीट पर दूसरे स्थान पर रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जालंधर सीट पर केवल हमें केवल ढाई प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन आज हमें 34 फीसदी वोट मिले हैं।
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