मुंबई। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए कड़े खुलासा अनिवार्यताओं को लागू किया है। अब कंपनियों को अपने क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन का खुलासा करना होगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून में ऑडिट, ऑडिटर और खातों से संबंधित विभिन्न नियमों में संशोधन किया है। कंपनी कानून-2013 के शेड्यूल तीन में बदलाव के अलावा खुलासा अनिवार्यताओं को बढ़ाया गया है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी में कंपनी के लेनदेन का ब्योरा भी शामिल है।
1 अप्रैल से लागू होगा नियम
कंपनी कानून का क्रियान्वयन करने वाले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया। ये बदलाव एक अप्रैल से प्रभावी होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करती हैं, तो इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह जानकारी दी जानी चाहिए कि इस तरह की व्यापार गतिविधियों से कितना पैसा बनाया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर चिंता बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक को बाजार में क्रिप्टोकरेंसीके कारोबार को लेकर चिंताएं हैं। RBI ने इस बारे में सरकार को अवगत कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों वित्तीय स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध हैं। आगे कहा कि हमें इस बारे में केंद्र की तरफ से अंतिम निर्णय का इंतजार करना चाहिए।
क्रिप्टोकरेंसी के लेकर सरकार की तरफ से कुछ भ्रम पैदा करने वाले संकेत आने के बीच दास ने यह बात कही है। इस प्रकार की मुद्राओं में काफी उतार-चढ़ाव को देखते हुए इसे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का इरादा जताने के बाद, सरकार ने बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को लेकर कुछ नरम रुख दिखाया है।
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