भोपाल। भारत सरकार ने मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को रिटायरमेंट के कुछ घंटे पहले 6 महीने का एक्सटेंशन दे दिया है। इससे मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल दावेदार अफसरों को फिलहाल झटका लगा है। अब इन दावेदारों को 6 महीने का इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि अब बैंस 31 मई 2023 तक ही बतौर चीफ मुख्य सचिव सेवाएं देंगे। ऐसे 1 जून 2023 को मप्र को नया प्रशासनिक मुखिया मिलना तय है। क्योंकि सिविल सेवा पेंशन नियम के तहत राज्यों के मुख्य सचिव का अधिकतम कार्यकाल 6 महीने ही बढ़ाया जा सकता है।
मुख्य सचिव का एक्सटेंंशन ऐसे समय में हुआ है, जब मप्र समय से पहले विधानसभा चुनाव के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है। ऐसे में बैंस के एक्सटेंशन की प्रशासन से ज्यादा राजनीतिक हलकों में चर्चा है। राजनीतिक गलियारों में बैंस के रिटायरमेंट और एक्सटेंशन को लेकर अलग-अलग चर्चाओं का दौर जारी था। भारत सरकार के इस आदेश से साफ हो गया है कि मप्र में किसी तरह का उलटफेर नहीं होगा। बैंस के मुख्य सचिव रहते मप्र में वे सभी फैसले होंगे, जो अगले साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते सरकार को लेना बेहद जरूरी है। बैंस 24 मार्च 2020 से राज्य के मुख्य सचिव हैं। उनके कार्यकाल में प्रदेश के विकास एवं जनता से जुड़े कई बड़े फैसले लिए गए हैं। निकट भविष्य में और बढ़े फैसले लिए जाना शेष हैं। इन प्रोजेक्ट को सीधे तौर पर मुख्य सचिव देख रहे हैं। अगले 6 महीने के कार्यकाल में इन योजनाओं, प्रोजेक्ट को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाया जा चुका होगा। 31 मई को जब बैंस रिटायर होंगे, तब राज्य में चुनावी सरगर्मियों तेज होंगी। प्रदेश चुनाव में उतर चुका होगा। तब किसी तरह की नई योजनाएं नहीं आएंगी, सिर्फ योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। ऐसे में 1 जून को जो नया मुख्य सचिव आएगा, वह आसानी से योजनाओं का क्रियान्वयन कर सकेगा।
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