नई दिल्ली: नौकरीपेशा वर्ग की तरफ से लंबे समय से ‘पेंशन स्कीम-1995’ (Pension Scheme-1995) के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) बढ़ाने की मांग की जा रही है. हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है. लेकिन इस बीच नौकरीपेशा वर्ग के लिए एक और खुशखबरी आ रही है.
नई पेंशन स्कीम लाने की योजना!
सहयोगी चैनल जी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक EPFO बेहतर फिक्स्ड पेंशन (Fixed Pension) के मद्देजर नई पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) लाने की योजना बना रहा है. नई स्कीम के अंतर्गत कर्मचारी को पेंशन की फिक्स्ड रकम चुनने का ऑप्शन मिलेगा. अच्छी बात यह है कि इसमें सैलरीड क्लॉस के अलावा सेल्फ एम्पलॉयड भी रजिस्टर हो सकेंगे.
ज्यादा पेंशन के लिए मिलेगा विकल्प
पेंशन के लिए आपको कितनी राशि का कॉन्ट्रीब्यूशन करना होगा, यह सैलरी और बची हुई लेंथ ऑफ सर्विस के आधार पर तय होगा. सूत्रों के अनुसार EPFO की तरफ से नई फिक्स्ड पेंशन स्कीम लाने की तैयारी की जा रही है. फिक्स्ड पेंशन की राशि दिए गए अंशदान से तय होगी. आपको जितनी पेंशन चाहिए, उसके मुताबिक अंशदान भी करना होगा.
अभी हर महीने 1250 रुपये की लिमिट
दरअसल, EPFO एम्प्लॉई पेंशन स्कीम-1995 के विकल्प की तैयारी में है. EPS में मौजूदा राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री है. लेकिन, उसमें मिनिमम पेंशन काफी कम है. जिसे बार-बार अंशधारकों की तरफ से बढ़ाने की मांग होती रहती है. अभी हर महीने 1250 रुपये तक के अधिकतम कॉन्ट्रीब्यूशन की लिमिट है. ऐसे में ज्यादा पेंशन की सुविधा के लिए ईपीएफओ नौकरीपेशा लोगों को विकल्प देने की तैयारी में है.
EPS का मौजूदा नियम
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) का सदस्य बनने पर वह ऑटोमेटिक EPS का मेंबर बन जाता है. नियमानुसार कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% कंट्रीब्यूशन PF में जाता है. नियोक्ता की तरफ से भी इतना ही हिस्सा कर्मचारी के नाम पर ईपीएफ में जमा किया जाता है. लेकिन, एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन में से 8.33% हिस्सा EPS में जमा होता है. यानी EPS बेसिक सैलरी का 8.33% है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपये ही जमा हो सकता है.
ऐसे होती है पेंशन की कैलकुलेशन
– EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला = मंथली पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा) /70.
– यदि किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवधि 30 साल है तो उसे हर महीने (15,000 X 30)/70 = 6428 रुपये की पेंशन मिलेगी.
लिमिट हटी तो कितनी पेंशन?
अगर 15 हजार की लिमिट हटकर 30 हजार हो जाती है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से पेंशन मिलेगी (30,000 X 30)/70 = 12,857 रुपये प्रति महीना मिलेगी.
सेल्फ एम्पलॉयड के लिए गुड न्यूज
अभी ईपीएस में केवल सैलरीड क्लॉस के लिए ही पेंशन का विकल्प है. लेकिन यदि नया नियम लागू होता है तो सेल्फ एम्पलॉयड भी खुद को रजिस्टर कर पाएंगे. इस केस में पेंशन की राशि सेल्फ एम्पलॉयड शख्स की तरफ से दिए गए अंशदान से तय होगी. यानी जितनी पेंशन चाहिए उसके मुताबिक आपको अंशदान करना होगा.
आपको बता दें अभी EPS की राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री है. नया नियम आने के बाद मौजूदा EPS-95 पेंशन स्कीम भी जारी रहेगी. यानी सरकार ईपीएस का विकल्प देने की तैयारी में है. जिससे लोग भविष्य में ज्यादा पेंशन हासिल करने के लिए कॉन्ट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
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