• img-fluid

    अब कम होगा हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा, वैज्ञानिकों ने निकाला कारगर उपाय

  • July 10, 2021

    नई दिल्ली। खराब जीवनशैली और पौष्टिक आहार में कमी के कारण हाल के वर्षों में हृदय रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा है। भारत दुनियाभर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (सीवीडी) से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में सीवीडी के कारण होने वाली कुल मौत जो साल 1990 में 2.26 मिलियन (22.6 लाख) थी, वह साल 2020 में बढ़कर 4.77 मिलियन (47.7 लाख) से अधिक हो गई है। हृदय रोग के तेजी से बढ़ते मामले और इसके कारण होने वाली मौतें स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। हालांकि अब इस समस्या को कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने बढ़िया तरीका ढ़ूंढ लिया है।

    हालिया शोध के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों ने बताया है कि टेस्टोस्टेरोन थेरपी के माध्यम से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। जिन पुरुषों में इस  हार्मोन की अस्वाभाविक रूप से कमी हो, उन्हें इसके सप्लीमेंट देकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। दस साल तक किए गए इस अध्ययन को यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टेस्टोस्टेरोन थेरपी के माध्यम से लोगों में हृदय रोगों के खतरे को कम करने में बड़ी सफलता मिल सकती है।

    टेस्टोस्टेरोन की कमी वाले लोगों पर किया गया अध्ययन
    इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने जर्मनी और कतर के 800 से अधिक ऐसे पुरुषों को शामिल किया जिनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी थी। टेस्टोस्टेरोन, पुरुषों में प्राथमिक सेक्स हार्मोन और एनाबॉलिक स्टेरॉयड होता है। टेस्टोस्टेरोन का मुख्य कार्य पुरुष प्रजनन ऊतकों जैसे वृषण और प्रोस्टेट का विकास करना होता है। इस अध्ययन में केवल उन्हीं पुरुषों को शामिल किया गया जिनमें टेस्टोस्टेरोन  की कमी के लक्षण जैसे भूख में कमी, अवसाद, स्तंभन दोष, कामेच्छा में कमी जैसी शिकायतें थीं।


    अध्ययन में क्या पता चला?
    अध्ययन के दौरान आधे से अधिक पुरुषों को लंबे समय तक टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दी गई। इस थेरपी के साथ सभी पुरुषों को शराब-धूम्रपान से दूर रहने के साथ नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेने और व्यायाम करने की सलाह दी गई। टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ले रहे 412 पुरुषों में से 16 की मृत्यु हो गई, हालांकि इनमें से किसी की भी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक या स्ट्रोक नहीं था, वहींटेस्टोस्टेरोन थेरपी न लेने वाले समूह वाले  393 पुरुषों में से 74 की मृत्यु हो गई। इसमें से 70 की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक था।

    क्या कहते हैं शोधकर्ता?
    कतर स्थित हमाद मेडिकल कॉरपोरेशन के प्रोफेसर उमर अबूमारज़ौक कहते हैं, टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने वाले समूह के लोगों में हृदय रोग के मामले नहीं देखे गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस उपचार विधि से लोगों में हृदय रोगों के कारण होने वाली मौत के खतर को कम किया जा सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि सभी हृदय रोगियों को टेस्टोस्टेरोन थेरपी दी जाए। इसका उपयोग केवल उन रोगियों पर ही किया जाना चाहिए जो कुछ मानदंडों को पूरा करते हों।

    हृदय के सभी रोगियों के लिए नहीं है यह इलाज
    अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि यदि टेस्टोस्टेरोन के सामान्य स्तर वाले पुरुषों को यह थेरपी दी जाए तो इसके परिणाम हानिकारक हो सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन की कमी वाले लोगों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम अधिक हो सकता है, ऐसे में थेरपी के माध्यम से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को सामान्य करके उनकी सेहत में सुधार किया जा सकता है। हालांकि इसके साथ अन्य उपायों को प्रयोग में लाना भी आवश्यक है इसमें रोजाना व्यायाम और स्वस्थ भोजन करना, धूम्रपान और शराब जैसी आदतों को छोड़ना शामिल है।

    Share:

    नॉन कॉलेजिएट में 30 जुलाई तक गेस्ट टीचर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन

    Sat Jul 10 , 2021
    नई दिल्ली। नॉन कॉलेजिएट वीमेंस एजुकेशन बोर्ड (NCWEB) ने अपने शिक्षण केंद्रों में शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए गेस्ट फैकल्टी (Guest Faculty) आवेदन फॉर्म (Application Form) आमंत्रित किए हैं। अधिसूचना जारी कर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। यह आवेदन 26 यूजी (अंडरग्रेजुएट ) और 01 पीजी (पोस्टग्रेजुएट) शिक्षण केंद्रों के लिए हैं। बोर्ड में गेस्ट […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved