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    अब महिला-पुरुष के निजी अंग भी कैंसर के शिकंजे में

  • February 21, 2024

    • सावधान… ब्रेस्ट… ब्लड… फेफड़ों… स्किन… ब्रेन… लिवर… बोन… मुंह और पेट के अलावा
    • इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए इसका भी टीकाकरण जरूरी

    इंदौर, प्रदीप मिश्रा। शहर में महिला और पुरुषों में ब्रेस्ट, ब्लड, फेफड़ों, स्किन, ब्रेन, लिवर, बोन, मुंह और पेट के कैंसर के अलावा अब निजी और अंदरुनी अंगों में भी कैंसर की बीमारी बड़ी तेजी से बढ़ रही है। इंदौर के सरकारी कैंसर अस्पताल में 353 ऐसी महिला मरीज हैं, जो गर्भाशय और गर्भाशय का मुंह, अंडाशय के अलावा प्राइवेट पार्ट में कैंसर का इलाज करवा रही है, वहीं 24 ऐसे पुरुष मरीज हैं, जो अपने प्राइवेट पार्ट और अंडकोष में कैसर का इलाज करवा रहे हैं। डॉक्टर दिलीप आचार्य के अनुसार देशभर में हर साल गर्भाशय और इसके मुंह से सम्बंधित कैंसर से पीडि़त लगभग 1 लाख 25 हजारनई महिला मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। लगभग 77 हजार महिलाओ की मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा ब्रेस्ट और अन्य कैंसर के मरीजों और इससे मरने वालों के आंकड़े अलग है। इसलिए सरकार को इस बीमारी को रोकने के लिए निशुल्क टीकाकरण अनिवार्य कर देना चाहिए।

    9 साल से 14 साल की बच्चियों को लगे मुफ्त वैक्सीन
    कैंसर का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का कहना है यदि 9 साल से लेकर 14 साल की बच्चियों में कैंसर से बचाव करने वाले टीके स्कूल स्तर पर लगाए जाए तो इनमें निजी और अंदरुनी अंगों में होने वाले कैंसर से मुक्ति दिलाई जा सकती। हालांकि इस बीमारी को रोकने वाली 2 कम्पनियों की वैक्सीन बाजार में मौजूद हैं, जिनकी कीमत लगभग 5 सौ से 3000 है। निजी अस्पतालों में इसके 2 अथवा 3 टीके लगाए जाते हैं। 14 साल तक कि उम्र वाली लड़कियों को 2 और 15 से 45 साल तक की उम्र वालों को 3 टीके लगते हैं। बहुत महंगी होने के कारण माता-पिता इसके टीके नहीं लगवाते। इसलिए जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द अन्य टीकों की तरह कैंसर से बचाव वाले टीके लगाने का अभियान शुरू करे।



    पुरुषों से ज्यादा महिलाएं शिकार
    सरकारी कैंसर अस्पताल में अंदरुनी और निजी अंगों में कैंसर से पीडि़त पुरुषों की तुलना में महिला मरीजों की संख्या लगभग 14 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि इन आंकड़ों में इसमे ब्रेस्ट कैंसर से पीडि़त महिला मरीजों की संख्या शामिल नहीं है। कैंसर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर रमेश आर्य के अनुसार उनके यहां हर साल 4000 से ज्यादा नए और पुरानों को मिला कर लगभग 12 हजार 948 मरीज इलाज कराने आते हैं। इनमें पुरुष मरीजों की संख्या जहां 5905 है, वहीं महिला मरीजों की संख्या 7043 है। यह आंकड़े तो सिर्फ एक ही सरकारी अस्पताल के हैं। शहर में सरकारी के अलावा लगभग 10 निजी अस्पतालों में भो इसका इलाज होता है ।इनमे से लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट मतलब स्तन कैंसर से पीडि़त होती हैं। कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर्स का कहना है यह तो सिर्फ एक सरकारी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या है। शहर के अन्य निजी अस्पतालों में इलाज कराने वालों की इससे क़ई गुना ज्यादा है। इलाज कराने वाले चिन्हित मरीज के अलावा सैंकड़ों ऐसे मरीज भी हैं, जो शर्म के कारण अपना स्वास्थ्य परीक्षण तक करवाने में हिचकिचाते हैं।

    हमें भी दिशा निर्देशों का इंतजार
    केंद्र सरकार ने इस साल नए बजट में 9 से 14 साल की स्कूली बच्चियों के लिए मुफ्त कैंसररोधी टीकाकरण के लिए बजट पास कर दिया है। उम्मीद है अन्य नि: शुल्क टीकों की तरह अब अंदरुनी अंगों में कैंसर से बचाव करने वाली वैक्सीन के भी मुफ्त टीके लगने लगेंगे।

    -तरुण गुप्ता, टीका करण अधिकारी, जिला स्वास्थ्य विभाग इंदौर

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