उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति (Mahakaleshwar Temple Management Committee) ने सोमवार को महाकाल के लड्डू प्रसाद (Laddu Prasad) को लेकर बड़ा बदलाव किया है. बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब मंदिर के लड्डू प्रसादी पैकेट पर मंदिर का शिखर और ॐ नहीं दिखेगा. पैकेट के डिजाइन का मामला कोर्ट में जाने के बाद मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है. एमपी हाई कोर्ट ने मंदिर समिति को डिजाइन में बदलाव के लिए 3 महीने तक वक्त दिया था.
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंन्ध समिति की बैठक श्री महाकाल महालोक के सभा कक्ष में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर नीरज सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक के कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और कईयों पर चर्चा हुई. हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने 24 अप्रैल को एक आदेश महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को दिया था. आदेश में मंदिर समिति को 3 महीने का समय मंदिर के लड्डू प्रसादी के पैकेट से शिखर की तस्वीर और ॐ लिखा हटाने के निर्देश दिए थे.
मंदिर समिति की ओर से कोर्ट से मोहलत मांगी गई थी और पुराने पैकेट के स्टॉक खत्म हो जाने के बाद नए पैकेट पर नए डिजाइन लाने का जवाब पेश किया था. 19 अप्रैल को महंत सुखदेवानंद, ब्रह्मचारी गुरु श्री महंत योगानंद, ब्रह्मचारी श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्रा साथ ही गुरु श्री स्वामी राधाकांताचार्य महाराज श्री दुर्गा शक्तिपीठ ने इंदौर बेंच में याचिका लगाई थी.
याचिका में कहा था कि लड्डू प्रसाद के पैकेट कचरे के डब्बे में फेंक दिए जाते हैं. उपयोग के बाद जिससे मंदिर का अपमान होता है और आस्था को ठेस पहुंचती है. बता दें कि मंदिर में लड्डू प्रसाद के 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट मिलते हैं. लड्डू प्रसादी मंदिर में ₹400 किलो में मिलता है. मंदिर समिति प्रतिमाह 12”000 से अधीक लड्डू प्रसादी के पैकेट प्रिंट करवाती है.
जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि अब जल्द ही लड्डू प्रसादी के पैकेट पर नया डिजाइन होगा शिकार और ॐ हटा दिया जाएगा. मन्दिर की ओर से श्रद्धालुओं को प्रदान किये जाने वाले लड्डू प्रसाद के पैकेट्स के डिजाइन पर चर्चा होकर, प्राप्त किये गये सुझाव लागू किये जाएंगे और पैकेट पर शिखर आदि के चित्र नहीं होंगे. इससे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी की जांच की गई थी, जिसमें क्वालिटी टेस्ट में महाकाल के लड्डू प्रसाद बिल्कुल शुद्ध पाए गए हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved