- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.के. वाणी ने न्यायालय परिसर में योजना का शुभारंभ किया
उज्जैन। कोर्ट में आने वाले गरीब पक्षकारों को विधिक सेवा प्राधिकरण और स्वर्णिम भारत मंच द्वारा नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का गत दिवस शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा किया गया और पहले दिन 50 से अधिक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण् एवं स्वर्णिम भारत मंच द्वारा जिला न्यायालय में आने वाले जरूरतमंद व गरीब पक्षकारों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की शुरुआत की गई है। जिसका उद्घाटन गुरुवार को न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर. के. वाणी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भूखे व्यक्ति को भोजन कराना पुण्य का कार्य है। न्यायालय में दिन-प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के दूरदराज इलाकों से पक्षकारगण आते हैं, जिनमें से कई पक्षकारों के पास भोजन की व्यवस्था नहीं रहती है।
इसी को देखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से इस योजना को शुरू किया गया है। उन्होंने स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव का इस कार्य में सहयोग के लिए सम्मान किया। प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश अरविंद जैन ने बताया कि पक्षकार न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास अन्न एक्सप्रेस से प्रतिदिन दोपहर 2 से 2.30 बजे के बीच भोजन प्राप्त कर सकते हैं। जो भी पक्षकार भोजन के कूपन प्राप्त करना चाहते हैं, वह संबंधित न्यायालय के लिपिक या अपने अधिवक्ता से पर्ची ले सकेेंगे। उज्जैन जिला न्यायालय प्रदेश का पहला ऐसा न्यायालय होगा, जहाँ पर प्राधिकरण के प्रयासों से पक्षकारों को नि:शुल्क भोजन वितरित किया जाना शुरू किया गया है। इस अवसर पर हरदयाल सिंह ठाकुर एडवोकेट एवं राजशेखर शर्मा, प्रधान न्यायाधीश विवेक कुमार गुप्ता, जिला न्यायाधीश सुनील कुमार शोक, संजय राज ठाकुर, श्रीमती कीर्ति कश्यप एवं सीजेएम राजेंद्र सिह सिंगार तथा अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अतुल यादव, राजेश जैन, वीरेंद्र जोशी, गिरजेश कुमार सनोडिय़ा, श्रीमती शिवांगी श्रीवास्तव, सुश्री रुचि परते, सुश्री अंकिता पलास, सुश्री पूजा वर्मा, सुश्री सोनाली वर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी चंद्रेश मण्डलोई, नितिन जोशी, प्रकाश चौबे, योगेश व्यास, द्वारिकाधीश चौधरी एवं काफी संख्या में जनसामान्य उपस्थित रहे।