भोपाल। प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत और मप्र आ रहे ऑक्सीजन (Oxygen) से भरे टैंकरों के परिवहन पर दूसरे राज्यों द्वारा बेेवजह लगाए जा रहे अड़ंगे के चलते राज्य सरकार ने व्हीआईपी सुरक्षा (VIP Protection) दे दी है। ऑक्सीजन (Oxygen) के टैंकर जहां से चलते हैं उन्हें गंतव्य तक लाने की जिम्मेदारी पुलिस (Police) एवं परिवहन विभाग को सौंप दी है। एक फॉलो वाहन टैंकर (Follow Vehicle Tanker) को गंतव्य तक लेकर आ रहा है। इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद भी ऑक्सीजन (Oxygen) के टेंकर लापता हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन (Oxygen) का टैंकर जिस जिले से गुजरता है, उस जिले के प्रशासन द्वारा सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है। जिस तरह से प्रदेश की सीमा से कोई राज्य अतिथि का आगमन होता है। तब संबंधित जिले की ओर से फॉलो वाहन दिया जाता है। जो टैंकर को दूसरे जिले की सीमा तक छोड़ता है। परिवहन टोल नाकों (Transport Toll Points) पर तैनात बल को भी टैंकर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
टोल फ्री किए गए टैंकर
नेशनल हाईवों पर ऑक्सीजन के टैंकर टोल फ्री हो गए हैं। किसी भी नाके पर ऑक्सीजन टेंकरों को नहीं रेाका जाएगा। टैंकरों के आगे फॉलो वाहन ग्रीन सिग्नल का काम कर रहे है। साथ ही किसी भी जगह पुलिस एवं अन्य चेकिंग के दौरान भी नहीं रोका जाएगा।
कोलकाता से 8 टैंकर ही मिले
कोलकाता गई सरकार की टीम चार दिन बाद लौट आई है। पश्चिम बंगाल से 20 टैंकरों की व्यवस्था होनी थी, लेकिन सिर्फ 8 टैंकर ही वहां से मिले। चार टैंकर विशाखापटनम और एक टैंकर झारखंड से मिला है। अब टीम तेलंगाना, हरियाणा और गुरुग्राम रवाना की गई है। मप्र को मरीजों की जरूरत के हिसाब से 30 अप्रैल तक 200 से 250 टैंकरों की जरूरत पड़ेगी। इसी की तैयारी के तहत करीब 50 टैंकर किराए पर लेने के लिए टीमें रवाना हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि कोलकाता से अतिरिक्त परिवहन आयुक्त टीम के साथ लौट आए हैं। अब मप्र से ही तेलंगाना, हरियाणा और गुरुग्राम बात कर रहे हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि दो-तीन दिन में कुछ टैंकरों की और व्यवस्था होगी।
मप्र के दो ऑक्सीजन टैंकर बीच रास्ते से गायब
राउरकेला से मप्र आ रहे ऑक्सीजन से भरे दो टैंकर बीच रास्ते से गायब हो गए हैं। देर रात तक मप्र सरकार को उनकी लोकेशन नहीं मिली। अधिकारी तलाश में जुटे रहे। यह स्थिति तब है, जब मप्र में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार है। इससे पहले भी सूरत से चले मप्र के टैंकर को वडोदरा प्रशासन ने खाली करवा लिया था। इस बीच दूसरे राज्यों की कंपनियों के लोगों ने फोन भी बंद कर लिए हैं, लिहाजा मप्र से लोग उनके घरों पर या उनके ऑफिस भेजे जा रहे हैं। अब प्रक्रिया को सरकार पेंडेमिक एक्ट में लाने की तैयारी कर रही है। दो दिन पहले सोमवार को यूपी में रोके गए टैंकरों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की थी। इससे पहले, जब राजस्थान के भिवाड़ी में यही हालात बने थे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत और मुख्य सचिव से दखल दिलवाना पड़ा था। महाराष्ट्र ने पूर्व में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रोके थे, तब उद्धव ठाकरे को फोन लगाना पड़ा। गुजरात के मामले में तो मुख्यमंत्री को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को कहना पड़ा।
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