नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्ट्री (Meity) सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म WhatsApp के साथ ChatGPT को जोड़ने की प्लानिंग कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय किसानों की मदद करने और सरकारी स्कीम के फायदे बताने के लिए ऐसा किया जाएगा. OpenAI ने पिछले साल ही चैटजीपीटी को लॉन्च किया है. इंसानों की तरह जवाब देने की क्षमता की वजह से यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया में छाई हुई है.
आगे हम देखेंगे कि आईटी मिनिस्ट्री चैटजीपीटी के जरिए किस तरह किसानों का फायदा करेगी. हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा कि भारतीय किसान बहुत जल्द इंटरनेट से सरकारी प्रोग्राम तक पहुंचने के लिए जीपीटी इंटरफेस का इस्तेमाल कर पाएंगे. आपको बता दें कि चैटजीपीटी में माइक्रोसॉफ्ट ने पैसा लगाया है.
नडेला ने भी देखा ये मॉडल
किसानों तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किए जाना एक बड़ा बदलाव होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Meity की एक टीम- भाषिणी चैटजीपीटी की पावर से लैस वॉट्सऐप चैटबॉट की टेस्टिंग कर रही है. यह उन किसानों के लिए काफी मददगार होगा जो स्मार्टफोन पर टाइपिंग करना नहीं जानते हैं.
यह भी सामने आया है कि नडेला को भी चैटजीपीटी सपोर्टेड वॉट्सऐप चैटबॉट दिखाया गया है. हालांकि, वॉट्सऐप के साथ चैटजीपीटी को जोड़ने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोग्राम इनपुट फीड इंग्लिश में काम करता है. फिलहाल इसमें लोकल लैंग्वेज की सपोर्ट नहीं है.
ये काम नहीं आसान
यह काम इसलिए भी काफी मुश्किल है क्योंकि AI चैटबॉट के लिए कई स्थानीय भारतीय भाषाओं में बड़ा डाटासेट तैयार करना होगा. वैसे भी इंडिया में ज्यादातर किसानों को इंग्लिश नहीं आती है. इसलिए उनकी वॉयस इनपुट के हिसाब से काम करने के लिए यह जरूरी है कि इस लैंग्वेज मॉडल को जितना हो सके उतनी भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करने लायक बनाया जाए.
गूगल ने लॉन्च किया Bard AI
चैटजीपीटी एक AI बेस्ड चैटबॉट है जो यूजर्स द्वारा पूछे गए सवालों का बिल्कुल इंसानों की तरह जवाब देता है. इसने अमेरिका में एमबीए, लॉ और मेडिकल एग्जॉम को भी पास किया है. गूगल को भी सर्च इंजन बिजनेस के कम होने का खतरा है. ChatGPT से टक्कर लेने के लिए गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने भी AI चैटबॉट Bard लॉन्च किया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved