नई दिल्ली (New Delhi)। पहलवानों और WFI के बीच जारी ‘कुश्ती’ में अब पहलवानों (wrestlers) को किसानों का संगठन भी कूंद गया है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान धरने पर बैठे हैं और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह (President Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की रविवार को दिल्ली में हुई एक बैठक में एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला लिया गया।
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पहलवानों कहना है कि बृज भूषण के इस्तीफे और गिरफ्तारी तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इस बीच किसानों ने भी पहलवानों के समर्थन का ऐलान किया है। किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने अब चुनावी राज्यों में भी आंदोलन करने की बात कही है। इन राज्यों में तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इन सभी राज्यों में इसी साल के अंत तक चुनाव होने हैं।
किसान संगठनों ने कहा कि हम सरकारी कॉरपोरेट समर्थक नीति के सख्त खिलाफ हैं। हमने अपना 6 महीने का प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन करेंगे। यही नहीं 26 नवंबर को दिल्ली में एक बड़ी रैली भी की जाएगी। इस दिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन की बरसी भी होगी। किसानों ने एक बार फिर से मांग की है कि लखीमपुर खीरी में 4 किसानों के कुचले जाने के मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर सवाल उठे थे। कहा गया था कि किसानों को जिस गाड़ी से कुचला गया, वह अजय मिश्रा टेनी की ही थी।
इस बीच आंदोलनकारी पहलवानों ने मीडिया पर बृज भूषण का समर्थन करने का आरोप लगाया है। इन पहलवानों ने कहा कि मीडिया में बृज भूषण जैसे आदमी को जगह नहीं मिलनी चाहिए। बजरंग पूनिया ने कहा कि ‘खिलाड़ियों से ज्यादा तो मीडिया बृजभूषण का समर्थन कर रहा है। आपने उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड देखा है। क्या यहां बैठे किसी खिलाड़ी का आपराधिक रिकॉर्ड है?’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं।
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