उज्जैन: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार (Goverment) का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचनालय (Religious Trust and Endowment Directorate) उज्जैन (Ujjain) से संचालित होगा, जिसे लेकर पूरी तैयारी की जा रही है. पूर्व में यह विभाग भोपाल (Bhopal) से संचालित होता था, मंदिरों का शहर होने की वजह से कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में उज्जैन से धर्मस्य विभाग संचालित करने का फैसला हुआ था, जिस पर अब धीरे-धीरे अमल भी शुरू हो रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार का धर्मस्व विभाग उज्जैन से संचालित होने के निर्देश होने के बाद अब अधिकारियों के भी उज्जैन पहुंचने का सिलसिला जारी है. धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचनालय डायरेक्टर रमेश कुमार ने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. उन्होंने मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया.
महाकालेश्वर मंदिर भवन समिति के प्रशासन मृणाल मीना ने डायरेक्टर का अभिनंदन किया. डायरेक्टर रमेश कुमार ने महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहितों से बातचीत भी की. उन्होंने पंडितों को होने वाली कठिनाई के बारे में भी समझा. इसके अलावा अपनी ओर से कुछ सुझाव भी दिए.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने धर्मस्व विभाग के उज्जैन में स्थापित करने का फैसला लिया है. इसके बाद अब मध्य प्रदेश के सभी धर्मस्व विभाग के मामले उज्जैन से निपटाए जाएंगे. उज्जैन धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ मध्य प्रदेश का हृदय स्थल भी है. उज्जैन पहुंचने के लिए सभी स्थानों से समान दूरी होती है.
उज्जैन जिले में छोटे और बड़े मिलाकर लगभग 2000 मंदिर है. यहां के पुजारी और पंडितों को अब छोटे-छोटे मामलों के लिए धर्मस्व विभाग भोपाल नहीं जाना पड़ेगा. उज्जैन से ही उनके मामलों का निपटारा हो जाएगा.
मध्य प्रदेश सरकार के सभी प्रमुख विभाग राजधानी भोपाल में स्थापित है. मगर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट के फैसले के बाद पहली बार मध्य प्रदेश की राजधानी से धर्मस्व विभाग मंदिरों के शहर उज्जैन पहुंच गया है. अभी कुछ औपचारिकता है और शेष है जिनके निपटने के बाद उज्जैन में धर्मस्व विभाग का पूरा कार्यालय काम करेगा.
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