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अब पहले से ही लग जाएगा आपदा का पता, हिंद महासागर के द्विध्रुवीय तापमान को लेकर वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा

वॉशिंगटन (washington)। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के जंगलों में आग से लेकर पूर्वी अफ्रीका (East Africa) में बाढ़ आने के पीछे अहम भूमिका निभाने वाले हिंद महासागर द्विध्रुवीय (आईओडी) तापमान की मूल वजह खोजने का शोधकार्ताओं ने दावा किया है। अमेरिका (America) के ब्राउन विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इसकी मदद से दुनिया के किसी भी देश में आने वाली बाढ़, सूखे जैसी आपदाओं का सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार मौसम निर्धारित करने वाली इस पूरक परिघटना की वजह से हिंद महासागर (Indian Ocean) में एक तरफ समुद्र के पानी का तापमान दूसरी तरफ के तापमान की तुलना में गर्म या ठंडा हो जाता है। इस तापमान में जितना अंतर बढ़ता है पूरे हिंद महासागर में उतनी ही चरम मौसमी परिस्थितियां बनती हैं। आईओडी को मिनी अल नीनो या इंडियन नीनो भी कहा जाता है।

10,000 वर्षों की जलवायु स्थितियों को खंगाला
अध्ययन में भूगर्भीय रिकॉर्ड के विभिन्न सेटों से पुनर्निर्मित पिछली 10,000 वर्षों की जलवायु स्थितियों की तुलना एक उन्नत जलवायु मॉडल के सिमुलेशन से की गईं। साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित इस शोध के नतीजों के मुताबिक उत्तर अमेरिका पर छाए विशाल ग्लेशियर 15,000 से 18,000 साल पहले बड़े पैमाने पर पिघले।


ऐसे चलेगा अनावृष्टि का पता
हिंद महासागर के दोनों छोरों के तापमान में अंतर की वजह से तय होता है कि किन क्षेत्रों में अनावृष्टि होगी व कहां सूखा पड़ेगा। ब्राउन विवि के प्रो.जेम्स रसेल कहते हैं, अध्ययन से यह समझने का एक यंत्रवत आधार है कि दो क्षेत्रों में बारिश के पैटर्न में दीर्घकालिक बदलाव समय क्यों आए हैं। इससे न केवल हिंद महासागर के पूर्वी-पश्चिमी द्विध्रुवों की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी, बल्कि बाढ़ और सूखे को लेकर सटीक पूर्वानुमान करने में भी मददगार साबित होगा।

इसके प्रभाव से एक बार सूख चुकी है दुनिया की सबसे बड़ी झील
शोधकर्ताओं के मुताबिक पूर्व-पश्चिम द्विध्रुव में, जहां पश्चिम (केन्या, इथियोपिया और सोमालिया) का पूर्वी (इंडोनेशिया) हिस्से के पानी की तुलना में ठंडा है। शोधकर्ताओं ने बताया जब पानी में गर्मी बढ़ती है तो इंडोनेशिया सहित आसपास के देशों में तेज बारिश होती है, जबकि पानी का तापमान कम होने पर पूर्वी अफ्रीका में सूखे की स्थिति पैदा होती है। करीब 17,000 वर्ष पहले ये प्रभाव चरम स्थिति में थे, जिसकी वजह से दुनिया की सबसे बड़ी विक्टोरिया झील पूरी तरह सूख गई थी।

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