इन्दौर। कोरोना काल के चलते शहर के दुकानदारों और व्यापारियों के साथ साथ नगर निगम की भी कमाई पूरी तरह बंद हो गई थी। डेढ़ से दो माह पहले तक लाखों रुपए के बजाय 25 से 30 हजार रुपए ही कैश काउंटर पर जमा हो रहे थे। अब पिछले दो-तीन दिनों से निगम के खजाने में 48 से 50 लाख तक की राशि जमा होने लगी है। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढऩे की उम्मीद है।
नगर निगम राजस्व विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में सभी बड़े बकायादारों को सूचना पत्र भेजे हैं, ताकि वे बकाया सम्पत्तिकर और अन्य करों की राशि जमा कर दें, अन्यथा उन्हें बाद में अधिक सरचार्ज देकर यह राशि चुकाना होगी। इसके चलते कई झोनलों पर राशि जमा हो रही है। वहीं दूसरी ओर निगम मार्केटों से लेकर कचरा प्रबंधन और सम्पत्तिकर, जलकर की राशि जमा की जा रही है। राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में रोज 48 से 50 लाख रुपए सभी झोनलों और कैश काउंटरों से निगम खजाने में आ रहे हैं, जबकि डेढ़ से दो माह पूर्व यह स्थिति बहुत खराब थी। गत दिनों निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए थे कि सम्पत्तिकर और जलकर की वसूली के लिए लोगों को समझाइश देकर राशि निगम खजाने में जमा करवाई जाए। इसके लिए किसी प्रकार का दबाव शहर के लोगों पर नहीं बनाया जाए। अब कैश काउंटरों पर अलग-अलग बकायादारों द्वारा राशि दी जा रही है। निगम अफसरों को आने वाले दिनों में यह आंकड़ा दोगुना होने की उम्मीद है। पूर्व में आम दिनों में निगम के खजाने में सवा करोड़ से डेढ़ करोड़ की राशि सभी झोनलों पर जमा होती थी, लेकिन पिछले दो-तीन माह के अंतराल में निगम की कमाई लगभग बंद हो गई थी। अधिकारियों द्वारा बड़े बकायादारों को सूचना पत्र भेजकर राशि जमा कराने को कहा जा रहा है, ताकि वे बड़े सरचार्ज से बच सकें।
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