गोरखपुर (gorakhpur) । दीपावली और छठ (Diwali and Chhath) पर ट्रेन (Train) में एक बर्थ (berth) पाने के लिए लोगों का संघर्ष देखकर परेशान लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। आम आदमी को आसानी से बर्थ मिल जाए इसलिए रेलवे (railway) एक बड़ा काम करने जा रहा है। इसका सबसे अधिक फायदा जनरल और स्लीपर कोच में यात्रा करने वालों को मिलने वाला है।
नई व्यवस्था के तहत भीड़ को देखते हुए ट्रेनों की कोच संरचना फिर बदलेगी। अब ट्रेन में कम से कम चार अनारक्षित कोच जरूर लगेंगे। जबकि स्लीपर कोच की संख्या भी छह से कम नहीं होगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को आदेश जारी कर दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने इस पर अमल भी शुरू कर दिया है।
करीब दो साल पहले रेलवे ने ट्रेनों की संरचना बदलने का आदेश दिया था। तब एसी कोच बढ़ाने पर जोर था। इसके चलते ज्यादातर ट्रेनों में अनारक्षित कोच की संख्या महज दो रह गई थी जबकि कुछ ट्रेनों में स्लीपर कोच भी चार ही लगाए जाने लगे। इसके चलते जनरल और स्लीपर में भीड़ बढ़ गई। हालात इतने विकट हो गए कि त्योहार पर जनरल कोच में घुस पाना भी जंग जीतने जैसा रहा।
इसकी शिकायतें मंत्रालय तक पहुंचती रहीं। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने ट्रेन संरचना को लेकर नजरिया बदला। बोर्ड के कार्यकारी निदेशक कोचिंग सत्येंद्र कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ट्रेनों में जनरल के कम से कम चार कोच लगाए जाएंगे जबकि स्लीपर को छह से सात कोच लगाने जाने का निर्देश दिया गया है।
जनरल कोच में भीड़ देख बांटा निशुल्क भोजन छठ के बाद बिहार से आने वाली ट्रेनों में मारमारी की स्थिति है। अनारक्षित कोच में एक बार जो यात्री घुस गया वह फिर रास्ते में कहीं निकल नहीं सकता। इस समस्या को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने जंक्शन पर सीएसआर के तहत सहयोग लेकर जनरल कोच में सीट पर निशुल्क भोजन पहुंचाने का इंतजाम किया है।
जान हथेली पर लेकर चढ़ रहे दिल्ली की ट्रेनों में
स्पेशल ट्रेनों में सीट खाली होने के बाद भी रूटीन ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल यह है कि यात्री उलटी तरफ से चलती ट्रेन में भी चढ़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोमवार को यह वाकया कटिहार से अमृतसर जाने वाली आम्रपाली में देखने को मिला। ट्रेन करीब 12.30 बजे प्लेटफार्म नम्बर एक पर आने वाली थी। भीड़ देख कुछ यात्री पटरी की दूसरी तरफ चले गए। ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर आई यात्री चढ़ने को दौड़ने लगे। कुछ बोगियों में दरवाजे बंद थे।
इन ट्रेनों में जनरल हटा बढ़ाए थे एसी कोच
-गोरखधाम में एक जनरल कोच की जगह एसी फर्स्ट क्लास
-गोरखपुर-ओखा एक्सप्रेस में जनरल की जगह एसी फर्स्ट क्लास
-भागलपुर-जम्मतवी में तीन स्लीपर की जगह तीन एसी कोच
-गोरखपुर-जम्मूतवी में एक जनरल की जगह एक फर्स्ट क्लास
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