इंदौर। 9 अक्टूबर से आचार संहिता लगने के बाद से चुनाव की तैयारियां, मतदाता सूची अपडेशन से लेकर मतदान के दिन तक आम जनता छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान होती रही। अब जिला प्रशासन मतगणना के पहले इन सभी फाइलों को न केवल निपटाएगा, बल्कि 12 दिन प्रशासन जनता की सुनवाई करेगा।
कलेक्टर ने अधिकारियों को न केवल पेन्डेन्सी निपटाने के निर्देश दिए हैं, बल्कि ऐसे मामले जिन पर तुरंत कार्रवाई की जानी थी और अधिकारी के चुनाव ड्यूटी में होने के कारण मामला अटका था, उन मामलों को अब सबसे पहले निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। ज्ञात हो कि आचार संहिता लगते ही सरकारी सभी काम ठंडे बस्ते में चले गए थे। हालांकि स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों के मामलों को लेकर कलेक्टर सजग थे। कलेक्टर के दफ्तर में आने वाले मरीजों को न केवल स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया है, बल्कि उनकी परेशानियों को भी हल करने की पूरी कोशिश की गई है। हालांकि अभी प्रशासन मतगणना के लिए भी तैयारियां कर रहा है। चुनाव की तैयारियों से लेकर मतदान करवाने तक 20 हजार से अधिक कर्मचारियों ने महती भूमिका निभाई है, जिनको कलेक्टर ने बुलाकर हौसला अफजाई भी की।
खुदी सडक़ों और ट्रैफिक पर नजर
अपने-अपने क्षेत्रों में अव्यवस्थाओं पर नजर दौड़ाने के निर्देश देते हुए कलेक्टर ने जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालन करवाने की बात कहते हुए कहा कि गड्ढे वाली सडक़ों को ठीक करवाया जाए, ट्रैफिक की अव्यवस्थाओं को सुधारा जाए। ज्ञात हो कि त्योहारी सीजन में जगह-जगह जाम की स्थितियां निर्मित हुई थीं और पिछले तीन दिनों से कई स्थानों पर जाम लगने की खबरें भी सुर्खियों में हैं। जिस पर नजर दौड़ाते हुए अव्यवस्थाओं को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि कलेक्टर खुद ही विभिन्न क्षेत्रों में दौरा करने जाएंगे।
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