उज्जैन। एक अगस्त से यूजी-पीजी कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। संक्रमण के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। जहां पहले रजिस्ट्रेशन के बाद छात्र-छात्राओं को दस्तावेज सत्यापन के लिए हेल्प सेंटर जाना पड़ता था। मगर कोरोना की वजह से विभाग ने अब कालेज अटैंड करने के दौरान विद्यार्थियों को दस्तावेज सत्यापित करने के निर्देश दिए है। यहां तक प्रबंधन को उसके बाद विद्यार्थियों के बारे में पोर्टल पर भी जानकारी देना होगी। अधिकारियों के मुताबिक दस्तावेजों का आनलाइन सत्यापन करने से विद्यार्थियों को हेल्प सेंटर जाने की जरूरत नहीं होगी।
सत्र 2021-22 में आनलाइन-आफलाइन प्रवेश को लेकर नियमों में संशोधन किया है। पिछले साल जहां विद्यार्थी च्वाइंस फीलिंग के दौरान दस कालेज चुन सकते थे, लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब सिर्फ सात कोर्स व कालेज के बारे में छात्र-छात्राओं को बताना है। यह बदलाव विभाग ने इसलिए लिया है कि ताकि सभी छात्र-छात्राओं को अपने पसंदीदा कालेज मिल सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक इस प्रक्रिया से विद्यार्थी सिर्फ वहीं कालेज की सूची दे सकेंगे, जिसमें उन्हें प्रवेश लेना है। जबकि पहले विद्यार्थी वह भी कालेज को पसंदीदा संस्थानों की सूची में बताते थे। जहां उन्हें प्रवेश नहीं लेना होता था। इससे बाकी विद्यार्थियों को दूर-दराज वाले कालेजों में एडमिशन लेना पड़ता है। अधिकारियों के मुताबिक इस बार रजिस्ट्रेशन के दौरान ही विद्यार्थियों को एक हजार रुपये फीस जमा करना है ताकि कालेज आवंटित होने के बाद छात्र-छात्राओं को फीस भरने के लिए नहीं जाना है। शेष राशि कालेज शुरू होने के बाद जमा करवा सकेंगे।
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