नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Ministry of Education) ने बड़ा फैसला लेते हुए अब ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया (‘No detention policy’ abolished) है. अब कक्षा 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण कर दिया जाएगा. असफल छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन अगर वे दोबारा असफल होते हैं, तो उन्हें पदोन्नत नहीं किया जाएगा.
स्कूल 8वीं कक्षा तक किसी छात्र को निष्कासित नहीं करेगा. सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने के साथ ही एक लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था को बदल दिया है. इस फैसले के बाद अब क्लास 5 और 8 की वार्षिक परीक्षाओं में असफल होने वाले स्टूडेंट्स को फेल कर दिया.
सरकार का मानना है कि इस नई नीति का उद्देश्य स्टूडेंट्स की सीखने की क्षमता को बेहतर बनाना और एकेडमिक परफॉर्मेंस में सुधार लाना है.मंत्रालय ने स्टूडेंट्स के एकेडमिक परफॉरमेंस में सुधार लाने के मकसद से ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने का फैसला लिया है. यह नीति लंबे समय से चर्चा में थी, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत क्लास 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में असफल होने वाले स्टूडेंट्स को फेल किया जाएगा.
इस नई व्यवस्था के अनुसार, असफल स्टूडेंट्स को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन अगर स्टूडेंट्स दोबारा असफल होते हैं, तो उन्हें अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा. हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि क्लास 8 तक किसी भी स्टूडेंट्स को स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा.
शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने बताया कि यह फैसला बच्चों के पढ़ाई के परिणाम सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है. उनका कहना है कि बच्चों की सीखने की क्षमता में गिरावट को रोकने के लिए इस कदम को जरूरी समझा गया.मंत्रालय ने विशेष रूप से क्लास 5 और 8 पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि इन क्लासओं को बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस नई नीति से स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों को पढ़ाई के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने का प्रयास किया गया है.
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