परिवहन विभाग नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटा से हर वाहन के रिकार्ड को क्रास चेक करने के बाद ही वाहन का ट्रांसफर करेगा
वाहनों को स्क्रैप करने से पहले भी एनसीआरबी के डाटा से वाहन की जानकारी क्रास चेक करना अनिवार्य होगी
इंदौर।
अब देश में जल्द ही चोरी (Theft) के वाहनों ( Vehicles) का फर्जी तरीके से ट्रांसफर (Transfer) नहीं हो पाएगा। इसके लिए देश में पहली बार केंद्रीय परिवहन मंत्रालय (Union Ministry of Transport) द्वारा नेशनल इंर्फोमेशन सेंटर (एनआईसी) की मदद से बनाए गए वाहन पोर्टल (Vehicle Portal) को नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau) (एनसीआरबी) के डेटा के साथ जोड़ा जाएगा। इसके बाद किसी भी वाहन के ट्रांसफर ( Transfer) का आवेदन आने पर सबसे एनसीआरबी के डेटा में दर्ज चोरी के वाहनों की सूची से उसका मिलान किया जाएगा और सूची में ना होने पर ही वाहन का ट्रांसफर किया जाएगा। यही प्रक्रिया देश में जल्द ही लागू होने वाली वाहन स्क्रैप की व्यवस्था के दौरान भी अपनाई जाएगी।
देश में अक्सर चोरी के वाहनों के किसी आरटीओ (RTO) द्वारा किसी व्यक्ति के नाम ट्रांसफर कर दिए जाने के मामले सामने आते रहते हैं। इसमें आमतौर पर परिवहन विभाग (Transport Department) की गलती नहीं होती है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोग वाहन ट्रांसफर का आवेदन करते हैं और इसी आधार पर वाहन का ट्रांसफर कर दिया जाता है। ऐसे मामलों को रोकने और अपराधियों को पकडऩे के लिए परिवहन मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के साथ मिलकर योजना बनाई है कि वे अपने डाटा को आपस में साझा करेंगे। इसके लिए गृह मंत्रालय अपने अंतर्गत आने वाले एनसीआरबी के रिकार्ड को देखने की लिंक विभाग को उपलब्ध करवाएगा, जिसे विभाग वाहन पोर्टल पर उपलब्ध करेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि इसके बाद जब भी किसी आरटीओ में किसी भी वाहन के ट्रांसफर का आवेदन आएगा तो सबसे पहले संबंधित आरटीओ के अधिकारी उस वाहन के नंबर को एनसीआरबी के चोरी गए वाहनों के रिकार्ड से मिलान करेंगे। रिकार्ड में नंबर ना मिलने पर जरूरी औपचारिकता के बाद वाहन का ट्रांसफर कर दिया जाएगा, लेकिन अगर वाहन का नंबर रिकार्ड में मिलता है तो तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी देते हुए आवेदक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा।
चोरी के वाहन भी मिल सकेंगे
नई व्यवस्था में जब आवेदक के खिलाफ पुलिस (Police) को शिकायत की जाएगी, तो पुलिस आवेदक को गिरफ्तार करने के साथ ही आसानी से चोरी गए वाहन को जब्त भी कर सकेगी। इससे वाहन के मालिक को अपना वाहन भी मिल सकेगा। इससे देश में वाहनों से जुड़े अपराधों में भी कमी आने की उम्मीद है।
स्क्रैप के लिए भी जरूरी होगा सत्यापन
देश में लागू की जा रही नई स्क्रैप पॉलिसी (Scrap Policy) में भी किसी भी वाहन को स्क्रैप करने से पहले स्क्रैप करने वाली कंपनी को इस पोर्टल के माध्यम से एनसीआरबी के रिकार्ड के साथ वाहन का मिलान करना होगा। सही पाए जाने पर ही वाहन को स्क्रैप किया जा सकेगा।
गलत कामों पर लगेगी रोक
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 1 अप्रैल से वाहन पोर्टल (Vehicle Portal) पर काम शुरू होने की उम्मीद है। इसके बाद एनसीआरबी के साथ डेटा शामिल होने पर वाहनों के ट्रांसफर से जुड़ी कमियों को आसानी से दूर किया जा सकेगा। इससे गलत कामों पर पूरी तरह से रोक लग सकेगी।
– अर्चना मिश्रा, एआरटीओ इंदौर
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