नई दिल्ली (New Delhi)। यूएम में बर्गलुंड और प्रमुख वैज्ञानिक लियांगबिंग हू के अनुसार, पारदर्शी लकड़ी की मिलीमीटर-मोटी चादरें 80% से 90% प्रकाश को गुजरने देती हैं, हालांकि जैसे-जैसे शीट एक सेंटीमीटर मोटी होती जाती है यह प्रकाश का आर-पार कम होने लगता है।
तमाम तरह की डिवाइस की डिस्प्ले के लिए लंबे समय से ग्लास और प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन भविष्य में एक तीसरा मैटेरियल भी सामने आने वाला है। भविष्य में आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन या डिस्प्ले लकड़ी से बने मैटेरियर की हो सकती है। शोधकर्ताओं ने एक ट्रांसपैरेंट लकड़ी पर काम कर रहे हैं जिसका इस्तेमाल भविष्य में डिस्प्ले के निर्माण में किया जाएगा।
यहां आप सोच रहे होंगे कि लकड़ी को पारदर्शी कैसे बनाया जाएगा तो आपको बता दें कि इस प्रक्रिया में लिग्निन नामक पदार्थ को लकड़ी से हटाया जाएगा। यह गोंद जैसा पदार्थ ट्यूब जैसी कोशिकाओं को बांधे रखता है जो पूरे पेड़ में पानी और पोषक तत्वों को एक साथ पहुंचाता है और पेड़ को भूरा रंग देने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने रंग हटाने के लिए लिग्निन को ब्लीच करके हटा दिया फिर इसे पारदर्शी बनाने के लिए इसे एपॉक्सी राल से भर दिया!
यूएम में बर्गलुंड और प्रमुख वैज्ञानिक लियांगबिंग हू के अनुसार, पारदर्शी लकड़ी की मिलीमीटर-मोटी चादरें 80% से 90% प्रकाश को गुजरने देती हैं, हालांकि जैसे-जैसे शीट एक सेंटीमीटर मोटी होती जाती है यह प्रकाश का आर-पार कम होने लगता है।
दबाव में लकड़ी कितनी आसानी से टूटती है, इसका आकलन करने वाले परीक्षणों में पाया गया कि पारदर्शी लकड़ी प्लेक्सीग्लास से तीन गुना और कांच से 10 गुना अधिक मजबूत होती है। स्लिम होने के कारण लकड़ी को प्लास्टिक और ग्लास के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
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