भोपाल। प्रदेश में हर वर्ग की पंचायत बुलाकर समाज हित में फैसला करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब फिर चौपाल पर लौटने की तैयारी में है। अब वे भोपाल से ज्यादा दूर-दराज के इलाकों में सक्रिय रहेंगे। जरूरत पडऩे पर कैबिनेट बैठकें भी भोपाल से बाहर बुलाई जाएंगी। साथ ही जनता से जुड़े सीधे भी जनता के बीच होंगे।
पेसा कानून को लेकर जनजागरूकता बढ़ाने को लेकर बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि सरकार जनता के हिसाब से चलेगी। जरूरी फैसलों में कोई अड़चन आती है तो उसका तत्काल समाधान करना ही होगा। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अब प्रदेश का प्रवास शुरू करने जा रहे हैं। संभवत: 15 जनवरी या उसके बाद से लगातार जनता के बीच रहेंगे। यह मुख्यमंत्री जनदर्शन या जनआशीर्वाद यात्रा की तर्ज पर ही होगा। इसकी रूपरेखा तैयार हो रही है।
आदिवासी गांवों में लगेगी चौपाल
20 नवंबर से 3 जनवरी तक पेसा कानून को लेकर अधिसूचित 20 जिलों के 89 विकासखंडों में यात्रा निकाली जाएंगी। इसी दौरान मुख्यमंत्री विकासखंड स्तर पर जाकर चौपाल लगाएंगे। इस दौरान लोगों की समस्याओं का समाधान होगा और पेसा कानून के बारे में लोगों को बताया जाएगा। जनजागरूकता यात्रा को पूरा रोडमैप तैयार हो चुका है।
प्रदेश में एक नया इतिहास रचना है। सरकार भोपाल से नहीं चौपाल से चले, इसके लिए विकेंद्रीकरण की दृष्टि से कार्य किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मप्र
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