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    सत्ता के साथ संगठन में भी दबदबा चाहते हैं अब सिंधिया

  • December 02, 2020

    किसान आंदोलन के चलते प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा टली… 8 दिसम्बर को मंत्रिमंडल विस्तार भी संभव
    इन्दौर। महाराजा के ठप्पे से बाहर निकलने का प्रयास ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुरू कर दिया है। यही कारण है कि वे लगातार भाजपा के छोटे-बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं से मेल-जोल बढ़ाने में जुटे हैं। अभी किसान आंदोलन के चलते प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों की नियुक्ति टल गई। वहीं शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार 8 दिसम्बर को संभव है, क्योंकि मुख्यमंत्री कल ही दिल्ली यात्रा के दौरान इस पर भी चर्चा कर आए हैं। इंदौर से तुलसीराम सिलावट के अलावा गोविंदसिंह राजपूत का मंत्री बनना तय है। वहीं सिंधिया अब सत्ता के साथ-साथ संगठन में भी अपना दबदबा बनना चाहते हैं।
    लोकसभा चुनाव हारने के बाद सिंधिया को समझ में आ गया कि अब जनता के बीच सक्रिय होने के साथ-साथ पार्टी के छोटे-बड़े नेता-कार्यकर्ताओं से भी निरंतर सम्पर्क जरूरी है। भाजपा में शामिल होने के बाद से ही सिंधिया अपनी महल की राजनीति और महाराजा के ठप्पे से बाहर निकलकर खुद को जनसेवक के रूप में निरूपित करने में जुटे हैं। यही कारण है कि अपनी इंदौर यात्रा के दौरान भी उन्होंने सभी भाजपा नेताओं के घर-घर जाकर मुलाकात की तो परसों भोपाल आने पर मुख्यमंत्री के अलावा कृष्ण गौर सहित अन्य छोटे कार्यकर्ताओं से भी बड़ी आत्मीयता से मिले। दरअसल सिंधिया की रणनीति यह है कि सत्ता के साथ-साथ संगठन में भी उनका दबदबा कायम हो सके। शिवराज मंत्रिमंडल में उनके समर्थकों को तो जगह मिलना तय है ही। पहले भी आधा दर्जन मंत्री बिना विधायक ही बन गए थे और विस्तार में सिंधिया खेमे से सिलावट और राजपूत का तो मंत्री बनना तय है ही, वहीं अन्य चार बचे मंत्रियों में भी सिंधिया की सहमति ली जाएगी। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यसमिति के आमंत्रित सदस्यों में भी सिंधिया समर्थक शामिल रहेंगे। वहीं प्रवक्ता से लेकर अन्य पदों पर भी सिंधिया की पसंद को तवज्जो दी जाएगी, ताकि सत्ता के साथ-साथ संगठन पर भी उनकी पकड़ मजबूत हो सके।
    इंदौर के भाजपा नेताओं को भी मिलेगा मौका
    मंत्रिमंडल विस्तार में इंदौर के किसी विधायक का नम्बर लगता है या नहीं यह तो दिल्ली दरबार से तय होगा। हालांकि दौड़ में रमेश मेंदोला से लेकर मालिनी गौड़, हार्डिया तो हैं ही, वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए उमेश शर्मा, जीतू जिराती के अलावा पदाधिकारियों की दौड़ में सावन सोनकर, मुकेश राजावत भी हैं। वहीं प्रवक्ता के लिए गोविंद मालू, जेपी मूलचंदानी, सुमित मिश्रा से लेकर डॉ. दिव्या गुप्ता और अन्य के नाम चर्चाओं में हैं। सिंधिया खेमे से भी दो से तीन प्रवक्ताओं को शामिल करने की चर्चा पार्टी में चल रही है।

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