नई दिल्ली। मुल्क का बंटवारा होने के बाद पाकिस्तान(Pakistan) से हिंदुस्तान (India) आए लोगों की 70 साल पुरानी समस्या हल होने जा रही है। दिल्ली विकास प्राधिकरण Delhi Development Authority (DDA) की ओर से 1950 से 1960 के दौरान पाकिस्तान से आए शरणार्थियों (refugees from pakistan) को उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक(ownership of properties) दिया जा रहा है। इसके लिए बुधवार को डीडीए की ओर से सार्वजनिक सूचना जारी कर दी गई है। दिल्ली (Delhi) में ऐसे 1500 से अधिक परिवार हैं जोकि बंटवारे के दौरान पाकिस्तान(Pakistan) से आए थे और जिनके पास संपत्ति का मालिकाना हक नहीं है। ऐसे परिवारों को डीडीए की ओर से एक बार मौका दिया जा रहा है।
अब लोग सर्किल रेट के हिसाब से शुल्क चुकाकर संपत्ति का मालिकाना हक ले सकते हैं। बीते दिनों दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के तहत इस प्रकार का प्रस्ताव पास किया गया था, जिसके तहत पर्दाबाग की 50 से अधिक संपत्तियों को मालिकाना हक का लाभ दिया गया था। प्लाटों को सर्किल रेट के आधार पर शुल्क अदायगी के बाद नियमित कर दिया जाएगा। इससे लोग नक्शे के आधार पर इन संपत्तियों पर निर्माण करा सकेंगे।
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