नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार (Central government) ने दालों की कीमतों पर नियंत्रण (Pulses price control) के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सरकार ने तत्काल प्रभाव से दाल कारोबारियों (Dal traders) के लिए मसूर की (दाल) के स्टॉक (Stock of Masoor (Dal)) की नियमित जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बुधवार को जारी एक एडवाइजरी में तत्काल प्रभाव से दाल कारोबारियों और आयातकों के लिए मसूर की (दाल) के स्टॉक की नियमित घोषणा सरकारी पोर्टल https://fcainfoweb.nic.in/psp पर करना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सरकार ने इससे पहले जून में अरहर और उड़द के दाल पर स्टॉक लिमिट लगाने की घोषणा की थी।
विभाग के मुताबिक सभी हितधारकों को शुक्रवार को मसूर (दाल) के स्टॉक की घोषणा करनी होगी। यदि कोई भी अघोषित स्टॉक पाया जाता है, तो उसे जमाखोरी माना जाएगा और ईसी अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी। सरकार ने यह कदम उन खबरों के बाद उठाया है, जिसके मुताबिक कई आयातक मसूर की दाल का स्टॉक कर रहे हैं। इससे दालों की कमी होने की आशंका बन गई है।
इसके अलावा उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने साप्ताहिक मूल्य समीक्षा बैठक के दौरान विभाग को मसूर की बफर खरीद को व्यापक बनाने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध स्टॉक की खरीद करना है। मंत्रालय के मुताबिक सरकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है, ताकि त्योहारी सीजन में उचित कीमतों पर सभी दालों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
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