भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने सड़क बनाने के फार्मूले में एक बार फिर परिवर्तन किया है। अब छोटी सड़कें भी लोक निर्माण विभाग बनाएगा। कमल नाथ सरकार ने 10 किलोमीटर से कम लंबाई की सड़कें मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से बनाने का निर्णय किया था लेकिन यह व्यावहारिक नहीं था। पिछले महीने जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की थी, उसमें भी यह मुद्दा था। तब यह निर्णय लिया गया कि छोटी सड़कें भी लोक निर्माण विभाग बनाएगा। सूत्रों के मुताबिक लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, संभागीय और जिला सड़कों के अलावा ग्रामीण सड़कें भी बनाता आया है। कमल नाथ सरकार में अलग-अलग एजेंसियों द्वारा सड़कें बनाने और उनमें गुणवत्ता के सवाल उठने पर तय किया था कि 10 किलोमीटर से कम लंबाई की सड़कें ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण बनाएगा। इसको लेकर परिपत्र भी जारी कर दिए गए थे लेकिन इसके क्रियान्वयन में व्यावहारिक समस्याएं सामने आईं। दरअसल, सांसद, विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण को लेकर सरकार पर दबाव बनाते हैं। लोक निर्माण विभाग अलग-अलग योजनाओं में इन कामों को करवाता है लेकिन ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण सिर्फ प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क को लेकर काम करता है। इसके लिए बाकायदा प्लान बने हुए हैं। जनसंख्या और क्षेत्र के मापदंड के आधार पर चरणवार सड़कें बनाई गई जा रही हैं। जो सड़क इसके दायरे में नहीं आती है, वह प्राधिकरण नहीं बना पाता है। इस स्थिति में सड़क, पुल और पुलिया के निर्माण में आ रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि छोटी सड़कें भी लोक निर्माण विभाग बनाएगा यानी मुख्य सड़क से जोडऩे वाली एप्रोच रोड भी अब पहले की तरह जनता या जनप्रतिनिधियों की मांग पर पहले की तरह बनेंगी। जो सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, मनरेगा के सुदूर संपर्क सड़क या अन्य योजना में आएंगे, उन्हें उनसे ही बनवाया जाएगा और जो सड़क, पुल या पुलिया किसी योजना में समायोजित नहीं हो सकते हैं और जरूरी हैं तो लोक निर्माण विभाग उस काम को हाथ में लेगा।
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