नई दिल्ली । ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बायोलॉजिकल ई के कोविड वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (Corbevax) को बूस्टर शॉट्स के रूप में परीक्षण (testing) करने के लिए चरण 3 के परीक्षण के लिए मंजूरी दे दी है. मंगलवार को यह जानकारी मिली. हैदराबाद स्थित फर्म ने मंगलवार को SARS-CoV-2 के खिलाफ पहले स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन के निर्माण और विपणन के लिए आपातकालीन-उपयोग प्राधिकरण के रूप में यह मंजूरी (approval) दी गई है.
आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए उपयोगी होते हैं, इनमें कोई जीवित घटक नहीं होता है, जिसके कारण टीके से रोग होने का कोई खतरा नहीं होता है, और इसे काफी हद तक स्थिर भी माना जाता है. वैक्सीन की मंजूरी के बाद, बूस्टर शॉट्स के लिए कॉर्बेवैक्स का उपयोग करने पर बायोलॉजिकल ई के पिछले आवेदन को भी स्वीकार कर लिया गया है.
इन लोगों पर हो सकता है तीसरे चरण का ट्रायल
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “कंपनी को बूस्टर खुराक के रूप में कॉर्बेवैक्स का उपयोग करके चरण 3 के परीक्षण करने के लिए अनुमति दी गई है. कॉर्बेवैक्स की पहली और दूसरी खुराक लेने वालों पर परीक्षण करने की मंजूरी दी गई है.” उन्होंने कहा “आज तक, दो अलग-अलग टीकों के मिश्रण पर कोई स्पष्टता नहीं है. इसलिए यह फैसला पहले नहीं लिया गया. अब, कंपनी बूस्टर के लिए परीक्षण शुरू कर सकती है क्योंकि जनता को कोविड -19 के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक के साथ तीसरी खुराक देने की शुरुआत भी होने जा रही है.”
इससे पहले, डीसीजीआई की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने कंपनी को बूस्टर के लिए परीक्षण करने पर एक संशोधित क्लीनिकल ट्रायल प्रोटोकॉल प्रस्तुत करने की सिफारिश की थी और इस बात पर जोर दिया था कि चरण 3 परीक्षणों से सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा का मूल्यांकन किया जाना बाकी है.
एसईसी ने टीके की पूर्ण सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा, प्रस्तावित आयु वर्ग के लिए औचित्य, बूस्टर शॉट का समय और सैंपल साइज भी मांगा था. अधिकारी ने कहा “सभी पैरामीटर बिल्कुल सटीक थे. टीकाकरण अभियान के लिए कॉर्बेवैक्स की मंजूरी के लिए देखा गया डेटा बूस्टर एप्लिकेशन को मंजूरी देने के लिए पर्याप्त था.”
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