इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी लगातार सियासी उठापटक जारी है। इस बीच, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने शनिवार को बड़ा एलान किया है। उन्होंने नए प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसिफ अली जरदारी ने कहा कि उनकी पार्टी मंत्रालय नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके दोस्तों को पहले मंत्रिमंडल में समायोजित किया जाए। साथ ही पीपीपी ने अगले चुनाव के लिए नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। बता दें कि इमरान खान को प्रधान मंत्री पद से हटाने के पीछे आसिफ अली जरदारी की बड़ी भूमिका थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद भवन में प्रेस वार्ता के दौरान आसिफ जरदारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके दोस्तों को पहले समायोजित किया जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे इसके लिए शहबाज शरीफ पर दबाव नहीं बनाना चाहते। वहीं, उनके बयान के बाद पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं ने उनके बयान को लेकर कहा है कि उनका यह मतलब नहीं है कि पीपीपी कैबिनेट में शामिल नहीं हो रहे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीपीपी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के साथ बैठक में कैबिनेट के लिए नामों को अंतिम रूप दिया था। वहीं पार्टी के एक नेता ने बताया कि पीपीपी गठबंधन सहयोगियों के साथ किए गए वादों और समझौतों को पूरा करना चाहती है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के केंद्रीय नेताओं ने शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान नई सरकार में अलग-अलग पदों के लिए अपने चार सदस्यों का सुझाव दिया था।
सदस्यों ने सुझाव दिया कि बेनज़ीर आय सहायता कार्यक्रम (BISP) का पद उनके सदस्य शेरी रहमान को दिया जाना चाहिए, साथ ही सैयद खुर्शीद अहमद शाह को संचार विभाग, नवीद कमर को पेट्रोलियम और शाजिया मारी को मानवाधिकार मंत्रालय दिया जाना चाहिए।
इस बीच, पीएमएल-एन और पीपीपी सदस्यों के अलावा, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (JUI-F) को तीन मंत्रालय और एक राज्य मंत्री पोर्टफोलियो मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), बलूचिस्तान अवामी पार्टी और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (BNP-M) को दो-दो मंत्रालय मिलने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि निर्दलीय उम्मीदवारों को भी मंत्रालय मिलने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि एमक्यूएम-पी को सिंध, पीपीपी पंजाब, जेयूआई-एफ खैबर पख्तूनख्वा और बीएनपी-एम बलूचिस्तान की गवर्नरशिप मिलेगा। गौरतलब है कि पीएम शहबाज ने 11 अप्रैल को इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाने के बाद प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
इमरान ने न्यायपालिका पर साधा निशाना
इस बीच विदेशी साजिश का रोना रोने के बाद इमरान खान अब कथित पत्र की जांच नहीं करने के लिए न्यायपालिका को निशाना बना रहे हैं। इमरान का आरोप-प्रत्यारोप जारी है। एक रैली को संबोधित करते हुए पूर्व पीएम ने दोहराया कि उनकी सरकार को एक विदेशी-प्रेरित साजिश के माध्यम से हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह मेरे दिल में जीवन भर रहेगा कि मुझे बाहर करने के लिए आधी रात को अदालतें खोली गईं।
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