औवेदुल्लागंज। किसानों को अब गिरदावरी के लिए पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस काम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इसके तहत मैप आइटी द्वारा सैटेलाइट से प्राप्त इमेज के आधार पर किसान से सत्यापन कराते हुए गिरदावरी अभिलेखों में दर्ज की जाएगी। कृषि विभाग के उप संचालक श्री एनपी सुमन ने बताया कि पहले पटवारियों को गिरदावरी करना होती थी, लेकिन अब किसान स्वयं भी यह काम कर सकते हैं। इसके लिए किसान भाईयों को एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा। सैटेलाइट इमेज के आधार पर फसल, दिखाई जाएगी। यदि किसान एप में दिखाई जाने वाली फसल से सहमत है, तो ओके करेंगे। इसके बाद फसल सर्वर पर अपलोड हो जाएगी। किसान फसल की जानकारी किसान एप पर 1 से 15 अगस्त तक दर्ज कर करते सकते हैं। इसके बाद पटवारी 31 अगस्त तक गिरदावरी पूर्ण कर सकेंगे। 5 सितंबर तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी व 10 सितंबर को पोर्टल पर डाटा लॉक हो जाएगा इसके बाद किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकेगा।
गिरदावरी में आती थी यह समस्या
गिरदावरी को लेकर किसान समर्थन मूल्य के दौरान होने वाले पंजीयन में परेशान होते थे पटवारियों ने भी गिरदावरी करने का विरोध किया इन सब झंझट से छुटकारा मिलेगा, सर्वे में फसल आकलन में त्रुटि भी नहीं होगी।
किसान चूके तो पटवारी करेंगे
यदि तय समय तक किसान गिरदावरी नहीं कर पाते हैं तो पटवारी को अंतिम दिन के पूर्व खेत पर ग्राउंड ट्रुथिंग करते हुए सेटेलाइट के आधार पर गिरदावरी दर्ज करना होगी।
यह है गिरदावरी के फायदे
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल ऋण एवं कृषि ऋण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज उपार्जन के लिए, फसल हानि की स्थिति के आकलन में आवश्यक, कृषि योजनाओं के विभिन्न आवेदनों में उपयोगी रहती है। किसान को अब काफी सुविधाओं का लाभ मिलने लगेगा।
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