कल से शुरू होगा आईएलबीएस का ट्रायल, यात्रियों का सफर होगा सुविधाजनक
यात्रियों का समय और टर्मिनल में जगह बचेगी, चेक-इन काउंटर पर बैग देने के बाद कन्वेयर बेल्ट के जरिए इस सिस्टम से होकर गुजरेंगे, हो जाएगी जांच
इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Devi Ahilyabai Holkar International Airport) पर अब जल्द ही यात्रियों (passengers) का सफर ज्यादा सुविधाजनक होगा। यहां देश-दुनिया के बड़े एयरपोर्ट (airport) की तरह इन लाइन बैगेज सिस्टम (baggage system) (आईएलबीएस) शुरू होने जा रहा है। कल से इसका ट्रायल शुरू होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यात्रियों को होगा, क्योंकि इसके लगने के बाद यात्रियों को चेक-इन काउंटर पर जाने से पहले अपने सामान को स्कैन नहीं करवाना होगा। चेक-इन काउंटर पर सामान देने के बाद यह कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से इस सिस्टम से होता हुआ गुजरेगा और तभी सामान की स्कैनिंग हो जाएगी। इससे एयरपोर्ट टर्मिनल (airport terminal) में लगी एक्स-रे मशीनों की भी जरूरत खत्म हो जाएगी और टर्मिनल में ज्यादा खुली जगह मिल सकेगी। अथॉरिटी ने इस सिस्टम पर 11 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा देश के सभी प्रमुख एयरपोर्ट पर यह सिस्टम लगाया जा रहा है। इनमें इंदौर एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अभी इंदौर एयरपोर्ट से कहीं बाहर यात्रा करने वाले यात्रियों को टर्मिनल में आने के बाद सबसे पहले अपने सामान की एक्स-रे स्कैनिंग करवाना पड़ती है। इस दौरान खुद यात्रियों को अपना सामान उठाकर स्कैनर में डालना होता है और सामान की जांच एयरलाइंस के अधिकारी करते हैं। स्कैनिंग के बाद यात्री सामान लेकर चेक-इन काउंटर पर जाते हैं, वहां सामान देते है, जो कन्वेयर बेल्ट के जरिए अंदर जाता है और वहां से उसे विमान में लोड करने के लिए भेजा जाता है। इन लाइन बैगेज सिस्टम में अब यात्रियों को खुद अपने सामान को स्कैन नहीं करना होगा। उन्हें सीधे चेक-इन काउंटर पर आकर हैंड बैगेज के अलावा अपने लगेज पहले की ही तरह यहां देना होगा। एयरलाइंस अधिकारी इसे बैगेज कन्वेयर बेल्ट पर रखकर अंदर भेजेंगे। इसी बेल्ट पर अंदर की ओर यह सिस्टम लगाया गया है, जिससे सामान इसमें से जब गुजरेगा तो इसकी पूरी एक्स-रे स्कैनिंग हो जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में यात्रियों की मेहनत और समय बचेगा।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक्सपर्ट करेंगे स्कैनिंग
इस सिस्टम पर एयरपोर्ट अथॉरिटी के कार्गो एंड लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट बैठेंगे और वे ही सामान की स्कैनिंग करेंगे, जिन्हें ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज द्वारा इसकी ट्रेनिंग भी दी गई है। स्कैनिंग के दौरान किसी सामान में कुछ आपत्तिजनक पाए जाने पर यात्री को घोषणा करते हुए बुलाया जाएगा और सामान को खोलकर उसकी जांच की जाएगी। इस व्यवस्था से टर्मिनल में रखी एक्स-रे मशीनों की जरूरत भी खत्म हो जाएगी और इन्हें हटा दिया जाएगा, जिससे टर्मिनल में अतिरिक्त स्थान उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही एयरलाइंस का काम भी कम हो जाएगा और उन्हें एक्सपर्ट स्कैनर भी नहीं रखना पड़ेंगे।
चार स्तर पर होगी पुख्ता जांच
अधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम को आयात कर इंदौर लाया गया था। इसे पूरी तरह इंस्टाल किया जा चुका है। कल व परसों इसकी फाइनल टेस्टिंग की जाएगी। यह टेस्टिंग ट्रांसपोर्ट सर्विलांस अथॉरिटी की निगरानी में होगी। ट्रायल सफल होने के बाद इसका उपयोग शुरू करने से पहले ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटीज (बीसीएएस) से अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। उम्मीद है कि जुलाई में बीसीएएस से भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी, फिर एयरपोर्ट पर एक्स-रे मशीनों को हटाकर यात्रियों के लिए इस सिस्टम का उपयोग शुरू कर दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम में सामान की सुरक्षा जांच और ज्यादा पुख्ता हो सकेगी। अभी एक्स-रे स्कैनर में सामान की एक ही बार जांच होती है, वहीं नए सिस्टम में चार स्तर पर होगी और सभी स्तर पर सही पाए जाने के बाद ही सामान को विमान में रखा जाएगा।
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