भोपाल। शिवराज सरकार मप्र में अंग्रेजी भाषा में लगे बोर्ड को बदेली। अब सिर्फ हिंदी भाषा में ही बोर्ड और होर्डिंग लगाए जाएंगे। ये घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित हिंदी की व्यापकता एक विमर्श कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री ने डॉक्टर्स से मरीज के पर्चे पर हिंदी में दवाई का नाम लिखने की अपील की. शिवराज ने कहा कि हिंदी में लिखने में क्या दिक्कत है. क्रोसिन (दवा) लिखना है तो उसे हिंदी में नहीं लिख सकते हैं, क्या परेशानी होगी. ऊपर आरएक्स की जगह श्री हरि लिखो और दवा का नाम लिख दो हिंदी में. यहां गांव-गांव में डॉक्टर की जरूरत है, हिंदी में लिखेंगे, इसमें क्या दिक्कत है? यहां डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वे तरीका निकालेंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि शहरों में अंग्रेजी भाषा के बोर्ड बदले जाएं। हिंदी भाषा में बोर्ड और होर्डिंग लगाए जाएं। यह भी सरकारी काम है, कोई समस्या नहीं है। अब मध्यप्रदेश से नए युग की शुरुआत हो रही है। नाम बदलने के लिए सीएम ने मंच से ही भोपाल महापौर मालती राय को निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है क्योंकि हमें करना है। हिंदी विश्वविद्यालय उसी का परिणाम था, ये अलग बात है कि कम सफल हुआ या ज्यादा। जनमानस में परिवर्तन हो रहा है आगे भी होगा। हालांकि कुछ शब्द जो अब व्यहवारिक हैं उन्हें भी शामिल करना होगा। अगर हम व्यहवारिक नहीं होंगे तो असफल हो जाएंग। इस दौरान हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर ‘मंदार टीमÓ से चर्चा की।
रूस, जापान, जमर्नी और चाइना में अंग्रेजी को कोई नहीं पूछता
सीएम ने कहा कि रूस, जापान, जमर्नी और चाइना जैसे देशों में कौन अंग्रेजी को पूछता है? हम ही गुलाम हो गए है। सीएम मजाकिया अंदाज में कहा – दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते, ऊपर श्री हरि लिखो और नीचे दवाइयों का नाम लिखो जब हिंदी भाषा घर घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी।
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