इंदौर। हर पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) पर स्वर्णप्राश (Swarnaprash) दवा जो अभी तक सिर्फ लोकमान्य नगर (Lokmanya Nagar) और राऊ (Rau) के आयुर्वेदिक अस्पतालों (Ayurvedic Hospitals) में ही पिलाई जाती थी अब यह दवा सम्भाग आयुक्त की पहल पर शहर के कई सरकारी अस्पतालों में भी पिलाई जायगी।
खजराना आयुर्वेदिक औषधालय, परदेशीपुरा आयुर्वेदिक औषधालय, मांगलिया आयुर्वेदिक जिला औषधालय, छोटा बांगड़दा आयुर्वेदिक औषधालय, जिला अस्पताल,(धार रोड़), टिगरिया बादशाह आयुर्वेदिक औषधालय स्वर्णप्राश में यह आयुर्वेदिक ओषधियाँ होती है। अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि स्वर्णप्राश दवा का डोज हर बच्चे को लेना चाहिए इस आयुर्वेदिक दवा में स्वर्ण भस्म, वचा, शंखपुष्पी, ब्राह्मी, मुलेठी, शतावरी, गुडूची, अश्वगंधा, स्वर्णमाक्षिक, अभ्रक भस्म, मंडूर भस्म, गौघृत और शहद जैसे महत्वपूर्ण घटक और द्रव्य शामिल होते हैं।
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