नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पश्चिम बंगाल में 15 साल से ज्यादा पुराने सभी वाहनों को हटाने का आदेश दिया है. एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि अगले छह महीनों में इन वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की जरूरत है. यह आदेश पूरे राज्य में वाहनों पर लागू है. जिन वाहनों को फेज आउट किया जाना है इनमें ज्यादातर बीएस 4 इंजन वाली गाड़ियां हैं.
2019 में एक अनुमान के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 1,820,382 निजी वाहन हैं, जो 15 साल से पुराने हैं. इसी तरह राज्य भर में कुल मिलाकर 65 लाख से अधिक निजी वाहन हैं, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाने की जरूरत है. कोलकाता में चलने वाले कमर्शियल वाहनों में कम से कम 219,137 वाहन 15 साल से पुराने हैं, जबकि पूरे राज्य में पुराने कमर्शियल वाहनों की संख्या 6 लाख से भी ऊपर है.
इलेक्ट्रिक वाहनों को देना होगा बढ़ावा
NGT का यह आदेश एजेंसी की ईस्टर्न बेंच की ओर से पास किया गया है, जिसमें जस्टिस बी अमित स्टालेकर और विशेषज्ञ सदस्य सैबल दासगुप्ता शामिल हैं. आदेश में कहा गया है, “पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करते हुए, कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) बसों और इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत के साथ क्लीन और ग्रीन टेक्नोलॉजी वाले वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.”
सभी वाहनों को हटाना बड़ी चुनौती
2021 में एनजीटी में याचिका दायर करने वाले एक्टिविस्ट सुभाष दत्ता ने इस आदेश को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ शुरुआत है और काम यहां से शुरू होना है. राज्य में लगभग एक करोड़ ऐसे पुराने वाहन चल रहे हैं और छह महीने की समय सीमा के भीतर उन सभी को चरणबद्ध करना संभव नहीं है. हम इसे लेकर चिंतित हैं और इस मामले को और सक्रियता से आगे बढ़ा रहे हैं.”
राज्य सरकार ने क्या कहा?
राज्य सरकार ने कहा है कि उसने कोलकाता और इसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं. राज्य में पहले ही इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों की शुरुआत हो चुकी है. राज्य सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कोलकाता में 1200 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने की योजना बनाई है.
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