उज्जैन। अभी बनी बनाई सड़कों को ही कुछ दिनों बाद खोद दिया जाता है, जिसके चलते नागरिकों का भी यह कहना रहता है कि क्या सारे विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है। अब शासन स्तर पर यह निर्देश जारी हुए हैं कि कोई भी विभाग या एजेंसी नया काम शुरू करती है तो उसकी अनुमति और जानकरी नगर निगम को देना अनिवार्य रहेगा।
यह अमूमन देखा जाता है कि कुछ दिनों पूर्व ही बनी बनाई सीमेंट-कांक्रीट या डामर की सडकों को तोड़ दिया जाता है, क्योंकि कभी ड्रेनेज की तो कभी पाइप लाइन डालने से लेकर टेलीफोन कंपनियां केबल लाइनें डालती हैं या फिर अवंतिका गैस द्वारा पाइप लाइन बिछाई जाती है। या इसके अलावा अन्य प्रोजेक्ट को अमल मे लाने के लिए भी सड़कंो की खुदाई करनी पड़ती है। हाउसिंग बोर्ड, उज्जैन विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, बीएसएनएल, बिजली कंपनी, रेलवे सहित अन्य विभागों के अलग अलग कार्य चलते हैं, जिसके कारण यह समस्या आती है। वैसे तो पहले से भी यह प्रावधान है कि इन सभी विभागों को नगर निगम सीमा के अंदर काम शुरू करन के लिए निगम की अनुमति लेना पड़ती है और खोदी या तोड़ी गई सड़कों का पुनर्निर्माण भी करना पड़ता है। मगर सरकारी विभाग इसकी परवाहनहीं करते और मनमर्जी से काम करते हैं।