नई दिल्ली । 18 सितंबर से अधिक मास शुरू हो रहा है। अधिक मास के बारे में शास्त्रों ने कहा है “अधिकस्य अधिक फलम्” अर्थात अधिक मास में शुभ कर्मों का फल भी अधिक मिलता है। मांगलिक (विवाह, गृह प्रवेश आदि) कार्यों के अलावा किसी भी अन्य कार्य के लिए अधिक मास में मनाही नहीं है। पूरे महीने में 25 दिन खरीदारी के लिए शुभ हैं।
इनमें से 15 दिन तो काफी महत्वपूर्ण हैं। अधिक मास में संपत्ति में भी निवेश किया जा सकता है। ज्योतिर्विद सोमदत्त शास्त्री के मुताबिक 21, 30 सितंबर, 1, 5 और 16 अक्टूबर को छोड़ कर शेष सारे दिन शुभ ही रहेंगे। इन दिनों में भगवान की भक्ति और धार्मिक अनुष्ठान का पूर्ण फल तो मिलेगा ही, साथ ही खरीदारी आदि के लिए भी दिन बहुत शुभ रहेंगे। ज्योतिषाचार्य डॉ. अजय भांबी के मुताबिक किसी भी तरह की खरीदारी के लिए कोई मनाही नहीं है। अधिक मास में सबकुछ खरीदा जा सकता है। केवल स्थायी सम्पत्ति खरीदते या बुक करते समय कागजी कार्यवाही और कानूनी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। ज्वेलरी, वाहन से लेकर कपड़े आदि सभी खरीदे जा सकते हैं।
वाहन खरीदारी के मुहूर्त
सितंबर में 19, 20, 27, 28, 29 तारीख, अक्टूबर में 4, 10 और 11 तारीख को वाहन खरीदे जा सकते हैं या बुकिंग कराई जा सकती है।
ज्वेलरी की खरीदारी के मुहूर्त
सितंबर में 18, 19, 22 और 26 तारीख, अक्टूबर में 2, 3, 7, 8 और 15 तारीख को ज्वेलरी खरीदी जा सकती है।
नए कपड़े खरीदने के मुहूर्त
सितंबर में 18, 22 और 26 तारीख, अक्टूबर में 2, 7, 8 और 15 तारीख को नए वस्त्र और
श्रृंगार की सामग्री आदि खरीदे जा सकते हैं।
सगाई आदि के शुभ मुहूर्त
सितंबर में 18, 26 तारीख और अक्टूबर में 7, 15 तारीख को रोका, सगाई आदि किए जा सकते हैं।
व्यापारिक सौदों के मुहूर्त
19 एवं 27 सितंबर को द्विपुष्कर योग के कारण बड़े व्यापारिक सौदों के लिए दिन काफी लाभप्रद रहेगा। इसके अलावा 21 सितंबर और 6 अक्टूबर को भी नए व्यापारिक सौदों के लिए दिन दिन शुभ रहेगा।
इलेक्ट्राॅनिक सामान और मशीनरी आदि के मुहूर्त
सितंबर में 19, 20, 27, 28, 29 तारीख, अक्टूबर में 4, 10 और 11 तारीख को वाहन खरीदे जा सकते हैं या बुकिंग कराई जा सकती है।
यज्ञ, हवन के लिए शुभ दिन
26 सितंबर एवं 1, 4, 6, 7, 9, 11, 17 अक्टूबर को यज्ञ, हवन, जाप अनुष्ठान आदि किए जा सकते हैं।
ये भी रहेंगे अधिक मास के शुभ दिन
सर्वार्थसिद्धि योग – ये हर काम में सफलता देने वाला होता है। 26 सितंबर एवं 1, 4, 6, 7, 9, 11, 17 अक्टूबर 2020 को ये योग रहेगा।
द्विपुष्कर योग – इस योग में किए गए किसी भी काम का दोगुना फल मिलता है। 19 एवं 27 सितंबर को द्विपुष्कर योग रहेगा।
अमृतसिद्धि योग – इस योग में किए गए कामों का शुभ फल दीर्घकालीन होता है। 2 अक्टूबर 2020 को अमृत सिद्धि योग रहेगा।
पुष्य नक्षत्र- अधिक मास में दो दिन पुष्य नक्षत्र भी पड़ रहा है। 10 अक्टूबर को रवि पुष्य और 11 अक्टूबर को सोम पुष्य नक्षत्र रहेगा। यह ऐसी तारीखें होंगी जब कोई भी आवश्यक शुभ काम किया जा सकता है।
इस मास के दौरान हिंदू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नाम करण, यज्ञोपवीत, विवाह और सामान्य धार्मिक संस्कार जैसे गृह प्रवेश नहीं किया जाता है।
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