इंदौर। पहले विधानसभा और फिर अभी लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने बढ़-चढक़र हिस्सा तो लिया ही, वहीं भाजपा के पक्ष में अधिक मतदान भी किया, जिसके चलते लाड़ली बहना योजना, जो कि शासन के लिए वित्तीय बोझ भी है, मगर उसे न सिर्फ निरंतर किया गया, बल्कि हर माह की 10 तारीख से पहले ही मोहन सरकार खातों में 1250 रुपए जमा भी करा रही है। दूसरी तरफ अब शिवराज की इन लाड़ली बहनाओं को मोहन सरकार पक्के मकान भी देने जा रही है। इसके लिए बजट में लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया जा रहा है और अगले 5 साल में सभी बहनाओं को पक्के देने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा को जो बम्पर बहुमत मिला उसमें लाड़ली बहना योजना का जबरदस्त योगदान रहा, जिसके चलते 30 से 40 सीटों का इजाफा हुआ, वहीं अभी लोकसभा चुनाव में भी लाड़ली बहनाओं ने बढ़-चढक़र मतदान किया और पूरी 29 सीटें भाजपा की झोली में चली गईं। यहां तक कि अन्य राज्य सरकारों ने भी इस योजना को अपनाया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केन्द्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हालांकि लाड़ली बहना आवास योजना का शुभारंभ भी किया था। मगर उसके बाद विधानसभा चुनाव आ गए और नई सरकार के गठन के साथ मुख्यमंत्री की कमान डॉ. मोहन यादव को मिल गई, वहीं शासन का खजाना चूंकि खाली हो गया था। लिहाजा ऋण लेकर अन्य योजनाओं के साथ लाड़ली बहना के खातों में भी हर महीने किश्त जमा कराना पड़ी, जो कि हजार रुपए से बढक़र वर्तमान में 1250 रुपए है और यह भी चर्चा चल रही है कि इसे डेढ़ हजार रुपए कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ मोहन सरकार ढाई हजार करोड़ रुपए के पक्के मकान लाड़ली बहनाओं को बनाकर भी देगी। फिलहाल एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली लाड़ली बहनाएं, जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं हैं, वे इस योजना की पात्र रहेंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में भी इसे शामिल किया जा सकता है।
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