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    अब मुख्यमंत्री के निशाने पर सब्जियों के बिचौलिए

  • November 24, 2020

    • केरल की तर्ज पर सब्जियों का घोषित होगा न्यूनतम समर्थन मूल्य

    भोपाल। प्रदेश में किसानों को सब्जियों के उचित दाम नहीं मिलने और उपभोक्ताओं को महंगी सब्जी मिलने पर सरकार ने सब्जियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश में सबसे पहले केरल ने सब्जियों के लिए एमएसपी की व्यवस्था लागू की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सब्जियों पर बिचौलिए द्वारा ज्यादा मुनाफा कमाने और दिन रात मेहनत करने वाले किसानों को उचित दाम नहीं मिलने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अधिकारियों से दो दिन के भीतर सब्जियों का समर्थन मूल्य घोषित करने का प्रस्ताव बुलाया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एमएसपी को सब्जियों पर कैसे लागू किया जाएगा, इसकी विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह भी कहा कि किसान से भिंडी 10 से 15 रुपए किलो खरीद लेते हैं और आम आदमी को 50 से 60 रुपए में बेची जाती है। बिचौलिये मुनाफा कमा रहे हैं। किसान और आम आदमी लुट रहा है। मुनाफा दोगुना कैसे हो सकता है, इसे कैसे रोकें।

    केरल में सात हजार किसान हैं रजिस्टर्ड
    अफसरों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि देश में सबसे पहले केरल ने सब्जियों पर एमएसपी लागू की है। वहां सभी तरह की सब्जियों के लिए सरकार ने एक रेट तय किया है ताकि उससे कम मूल्य पर किसानों से सब्जी न खरीदी जा सके। केरल के मॉडल को भी विश्लेषण भी किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करें।

    मंडियों का औचक निरीक्षण करें अफसर
    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पशुपालन व संबंधित विभागों के अधिकारी सब्जी मंडियों आदि का औचक निरीक्षण कर देखें कि किसानों से सब्जी किस मूल्य पर खरीदी जा रही है और उपभोक्ता को किस मूल्य पर मिल रही है।

    राज्यों में कहीं भी परिवहन बंद नहीं
    मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में सब्जियों आदि के परिवहन पर कहीं भी किसी प्रकार की रोक नहीं है। किसान आसानी से किसी भी मंडी अथवा स्थान पर अपनी फसलें लाना-ले जाना कर सकते हैं। इस संबंध में उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि कफ्र्यू या बंद के नाम पर किसानों को शहर आने से न रोका जाए।

    बाजार ऐसे बनाएंगे जिससे किसानों को फायदा हो
    सरकार का बाजार के सिस्टम को भी नए सिरे से तैयार करने पर विचार कर रही है। ताकि किसान को उसकी सब्जियों का उचित मूल्य मिल सके। इससे पहले प्रदेश में कई स्थानों पर ऐसे बाजार लगवाए गए थे जिसमें किसान सीधे उपभोक्ता फसल बेच सकता था। हालांकि अधिकतर स्थानों पर सुविधाओं के अभाव के कारण यह फ्लाप हो गए।

    थोक व खुदरा मूल्य में न हो अधिक अंतर
    मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसान दिन-रात पसीना बहाकर उत्पादन करता है परन्तु अधिक मुनाफा बिचौलिए ले जाते हैं। ऐसी बाजार व्यवस्था विकसित करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले। सब्जियों के थोक व खुदरा मूल्य में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। सब्जियों के समर्थन मूल्य निर्धारित किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तैयार की जाए। किसानों को उनकी सब्जियों आदि उपज का समुचित मूल्य दिलवाना हमारा लक्ष्य है।

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