इंदौर। साढ़े 31 किलोमीटर इंदौर मेट्रो का जो प्रोजेक्ट वर्तमान में अमल में लाया जा रहा है उसमें अब मात्र 1 किलोमीटर का हिस्सा ही अंडरग्राउंड रहेगा और शेष 30 किलोमीटर से अधिक एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। वैसे मूल रूप से मेट्रो की अवधारणा अंडरग्राउंड की ही रहती है। मगर इंदौर के जनप्रतिनिधियों ने मध्य क्षेत्र को और संकरा करने की मंजूरी दे दी। अग्निबाण ने हालांकि 11 मई को ही यह खुलासा कर दिया था कि रीगल से लेकर कोठारी मार्केट, राजवाड़ा और उसके आगे का हिस्सा अंडरग्राउंड ही रहेगा। कल भोपाल से आए मेट्रो कार्पोरेशन के एमडी के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह दावे भी किए गए कि 12 महीने बाद यानी अगले साल के सितम्बर में इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। नेताओं को भी चिंता है कि मेट्रो प्रोजेक्ट का ट्रायल विधानसभा से पहले शुरू हो जाए ताकि इसके नाम पर भी वोट मांगे जा सके।
मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी निकुंज श्रीवास्तव ने प्रोजेक्ट की प्रगति, एलाइनमेंट के संबंध में समीक्षा बैठक की, जिसमें सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन प्रबंध निदेशक श्री निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त प्रतिभा पाल की उपस्थिति में सिटी बस में समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में आइडिया के अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह जी चावड़ा विधायक श्री महेंद्र हार्डिया श्री रमेश मेंदोला श्री आकाश विजयवर्गीय भाजपा अध्यक्ष श्री गौरव रणदिवे पूर्व विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता श्री राजेश सोनकर पूर्व आईडीए अध्यक्ष श्री मधु वर्मा अपर कलेक्टर पवन कुमार जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि गण व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
श्री श्रीवास्तव के मुताबिक सितम्बर 2023 तक ट्रायल शुरू किया जाएगा। कुल 29 स्टेशनों का निर्माण होना है। वहीं जनप्रतिनिधियों की मांग पर अब साढ़े 31 किलोमीटर का जो मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहा है, उसमें सिर्फ एक किलोमीटर का हिस्सा ही अंडरग्राउंड रहेगा। अग्निबाण ने कुछ महीने पूर्व ही यह खुलासा किया था, कि कोठारी मार्केट, राजवाड़ा में अंडरग्राउंड मेट्रो नहीं रहेगी, क्योंकि व्यापारियों-जनप्रतिनिधियों का विरोध है। इस घटने क्षेत्र में तोडफ़ोड़ भी होगी। हालांकि अब जो एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा उससे भी समस्याएं कम नहीं होंगी। उल्टा इस पूरा मध्य क्षेत्र महीनों तक खुदाई होगी, जिसके कारण यातायात जाम रहेगा और फिर पहले से ही घने यातायात वाला यह क्षेत्र और अधिक संकरा हो जाएगा, क्योंकि दो-दो मीटर के पिलर सडक़ पर बनेंगे, जिसके ऊपर एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित होगा। महापौर श्री भार्गव ने हालांकि कल यह बात भी रखी थी कि मध्य क्षेत्र में एलिवेटेड की जगह अंडरग्राउंड कॉरिडोर ही होना चाहिए, मगर अन्य जनप्रतिनिधियों ने यह बात नहीं मानी। अब रीगल से कालानी तक एलिवेटेड और सिर्फ बीएसएफ से एयरपोर्ट तक का एक किलोमीटर का हिस्सा ही अंडरग्राउंड रहेगा।
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